यहां फेंके जाते हैं नामी ब्रांड के टनों कपड़े Worlds illegal clothes
हम बात कर रहे हैं, दुनियाभर में मशहूर दक्षिणी अमेरिकी देश चिली के अटाकामा रेगिस्तान की। यहां कपड़ों के इतने विशाल पहाड़ बन चुके हैं, जिन्हें अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है। चिली सेकेंड हैंड कपड़ों खरीदने वाला दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है, जहां हर साल 60,000 टन से भी ज्यादा कपड़े आयात किए जाते हैं। इनमें से करीब 21 हजार टन कपड़े अमेरिका, यूरोप और एशिया से यहां लाकर बेच दिए जाते हैं। बाकी बचे कपड़ें, जिन्हें न तो बेचा जा सकता है और न ही इस्तेमाल के लायक हैं, यहां फेंक दिए जाते हैं। इन कपड़ों के ढेर में ‘जारा’, ‘एचएंडएम’, ‘एडिडास’, ‘प्राडा’ जैसे तमाम लग्जरी ब्रांड मौजूद हैं।
फास्ट फैशन से डंपिंग ग्राउंड
रेगिस्तान में कपड़ों के पहाड़ बनने की अहम वजह फास्ट फैशन है। इस वजह से पृथ्वी पर सबसे शुष्क स्थान अब यह कपड़ों का सबसे बड़ा अवैध डंपिंग ग्राउंड बन गया है। लोग लेटेस्ट फैशन ट्रेंड के हिसाब से कपड़े पहनते हैं और पुराने कपड़ों को फेंक देते हैं, जों आयात होकर यहां आ जाते हैं। लेकिन कपड़ों के इस रेगिस्तान का असर पर्यावरण पर भी पड़ रहा है। यहां डंप किए जा रहे ज्यादातर कपड़े प्लास्टिक मिक्स या पॉलिस्टर के होते हैं, जिन्हें डीकंपोज होने में दो सौ साल तक लग सकते हैं।
कपड़ों के ढेर पर चलीं मॉडल
सरकार लोगों को फास्ट फैशन के पीछे दौड़ने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए अवेयरनेस कैंपेन चला रही है। कुछ वक्त पहले इस गर्म और शुष्क रेगिस्तान में फैशन शो किया गया था। इसमें अपनी मॉडल्स के लिए फेंके गए कपड़ों के ढेर के बीच रैंप बनाया गया था। अटाकामा फैशन वीक ने दुनियाभर में सुर्खियां बटोरी थीं।
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