Harshita Krishna Shadi श्रीकृष्ण भक्ति और मुरली मनोहर के दीवानों की दिलचस्प कहानिया आपने सुनी और देखी होंगी। बृज धाम , वृन्दावन से लेकर दुनिया के कोने कोने में श्याम के भक्तों की इसी कड़ी में नाम जुड़ा है उत्तराखंड की हर्षिता का जो कान्हा की ऐसी लगन में डूबीं कि अब हल्द्वानी निवासी हर्षिका पंत को प्रभु को अपना स्वामी मान रही हैं। हर्षिका भगवान श्री कृष्ण को दिल से अपना सर्वस्व मान चुकी है. अब हर्षिका ने वृंदावन से लाई गई श्रीकृष्ण की प्रतिमा के साथ सात जन्मों के कसमें खाई और अपनी मांग में कान्हा के नाम का सिंदूर भर लिया है. हर्षिका के माता-पिता ने शादी का मुहूर्त निकलवाया और आज 11 जुलाई को हर्षिता ने परिवार की सहमति से धूमधाम से भगवान श्रीकृष्ण से शादी रचाकर अपने जीवन को उन्हें समर्पित कर दिया
कान्हा के लिए करवाचौथ का व्रत Harshita Krishna Shadi
मूल रूप से बागेश्वर के रहने वाले पूरन चंद्र पंत वर्ष 2020 से हल्द्वानी में रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि बेटी बचपन से ही भगवान श्रीकृष्ण की भक्त हैं। जब वह आठ वर्ष की थी तो उसे स्वप्न में कान्हा के दर्शन हुए और उसने यह बात अपनी माता मीनाक्षी पंत के साथ साझा की। तभी से उसका आकर्षण मुरली मनोहर की ओर हुआ। वह जब 10 वर्ष की हुई तो कान्हा के लिए करवाचौथ का व्रत रखना प्रारंभ किया और तब से प्रतिवर्ष व्रत रखती हैं।
उत्तराखंड के हल्द्वानी में एक अनूठी शादी हुई, जिसकी चर्चा हर जगह हो रही है. श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन युवती ने जीवन भर कान्हा के साथ रहने की ठान ली और उनकी मूर्ति से शादी रचा ली. शादी समारोह में शामिल हुए अतिथियों के लिए खानपान से लेकर अन्य व्यवस्थाएं भी जुटाई गई थी. विदाई होने के बाद युवती कान्हा की मूर्ति को लेकर कार से रिश्तेदार के यहां पहुंची. श्रीकृष्ण की दुल्हन बनने के लिए युवती 15 सालों से करवा चौथ की व्रत कर रही थी.हल्द्वानी के प्रेमपुर लोश्ज्ञानी इंद्रप्रस्थ कॉलोनी निवासी पूरन चंद्र पंत की 21 वर्षीय बेटी हर्षिका पंत बचपन से दिव्यांग है. हर्षिका की सुंदरता ऐसी है कि वो अच्छी-अच्छी लड़कियों को मात दे देती हैं, लेकिन कुदरत ने शरीर के निचले हिस्से को दिव्यांग बना दिया. अपने दैनिक कार्यों के लिए भी उसे दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है.
इसमें स्थानीय लोगों ने भी उत्साह के साथ प्रतिभाग किया। अब सभी बरात को लेकर उत्साहित हैं। ऐसा स्नेह पीछे एक दिलचस्प वाकया भी जुड़ा है। हर्षिका के पिता पूरन चंद्र पंत ने बताया कि उन्हें वर्ष 2020 में अटैक पड़ा था और शरीर पैरालाइज हो गया। ऐसे में 10 से 15 दिन तक बेहोश रहे। उसके बाद उन्हें होश आया तो बेटी ने कहा कि उनके कान्हा जी ने उन्हें ठीक कर दिया है। इसी के बाद से प्रभु के प्रति श्रद्धा और अधिक बढ़ गई। बताया कि उनका अभी भी उपचार चल रहा है। आस्था स्नेह और ईश्वर भक्ति के रस में डूबी ये अनोखी शादी देवभूमि में बेहद चर्चाओं में है।
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