देहरादून से अनीता तिवारी की रिपोर्ट –
Kedarnath Bachao Padyatra हिन्दुओं की आस्था के सबसे बड़े केंद्र अयोध्या और बद्रीनाथ जैसे तीर्थ को सबसे बड़ी पार्टी भाजपा से हथियाने वाली इंडिया गठबंधन की अहम कड़ी कांग्रेस पूरे जोश में है और अब उसकी अगली नज़र पीएम मोदी के सबसे बड़े भक्ति सेंटर केदारनाथ धाम की विधान सभा पर टिक गयी है क्योंकि इसको जीतकर रही सही कसर भी कांग्रेस पार्टी निकाल लेना चाहती है। लिहाज़ा हाँथ आये बुराड़ी केदारनाथ मंदिर विवाद और तथाकथित सोना घोटाला जैसे मुद्दों में उसको मोटा वोट बैंक भी साफ़ नज़र आ रहा है क्योंकि अब बीजेपी इस मुद्दे पर बैकफुट पर आ रही है। ऐसे में केदारनाथ मंदिर के प्रतीकात्मक मंदिर बनने के मुद्दे को लेकर सियासत गरमाती जा रही है। कांग्रेस ने हरिद्वार की हर की पैड़ी से स्नान के साथ केदारनाथ में पूजा अर्चना के साथ पदयात्रा करने का ऐलान किया है।
पैदल यात्रा में शामिल होंगे पूर्व सीएम हरीश रावत Kedarnath Bachao Padyatra
ऐसे में जब केदारपुरी के पांडा पुरोहित और स्थानीय जनता में दिल्ली के मंदिर को लेकर गुस्सा है ऐसे में पदयात्रा के दौरान कांग्रेस अनेक स्थानों पर जनता को अपने साथ जोड़ने की योजना बना रही है वहीं बीते दिनों केदारनाथ की विधायक शैला रानी के निधन से खाली हुई सीट पर उपचुनाव होगा। ऐसे में अभी अभी प्रदेश में दोनों उपचुनाव जीतने वाली कांग्रेस के लिए ये मौक़ा किसी फ्री हिट जैसा नज़र आ रहा है। लिहाज़ा अब दिग्गज नेताओं ने भी मोर्चा सम्हाल लिया है खुद हरीश रावत ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि केदारनाथ धाम बचाओ यात्रा में ऋषिकेश और अगस्त्यमुनि में भाग लूंगा। धाम और शंकराचार्यों के सम्मान को बचाने की लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है। भाजपा में धाम बनाने की होड़ लगी है।
कांग्रेस निकालेगी पदयात्रा, भाजपा ने बताया राजनीति से प्रेरित
जानकार भी कहते हैं कि अगर सीधे जुडी केदारनाथ सीट भी भाजपा के हाँथ से निकल गया तो पार्टी की बड़ी फजीहत हो सकती है ।
इधर भाजपा ने श्री केदारनाथ धाम को लेकर कांग्रेस की पदयात्रा को राजनीति से प्रेरित बताया है । प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा, धामों के महत्व को कमतर करने का साहस किसी में नहीं है, कांग्रेस की यात्रा केदारनाथ उपचुनाव में लाभ उठाने के लिए झूठ और भ्रम फैलाने की साजिश का हिस्सा है। देवभूमि और केदारघाटी की जनता कांग्रेस के सनातन विरोधी चेहरे से अच्छी तरह वाकिफ है और वह उनके चुनावी हिंदू वाले मुखौटे को शीघ्र उतार फेंकेगी ।
क्या केदारनाथ उपचुनाव बनेगा प्रतिष्ठा की सीट
कांग्रेस को सफल चार धाम यात्रा और स्थानीय कारोबारियों की बढ़ती आर्थिकी हजम नही हो रही है, इसलिए वह यात्रा प्रभावित करने की कोशिशों में जुटे हैं। इस मुद्दे पर हरिद्वार से पैदल यात्रा की घोषणा से कांग्रेस की राजनीतिक मंशा भी स्पष्ट हो गई है । उनका एकमात्र मकसद है, केदारनाथ में होने वाले उपचुनाव को अपने पक्ष में प्रभावित करना । देखते हैं की आस्था की आड़ में उफनाई पहाड़ की इस सियासी यात्रा में जीत की मज़िल तक कौन पहले पहुँच पायेगा।
देखिये ये है देवभूमि के मॉर्डन मदरसे ! https://shininguttarakhandnews.com/waqf-board-madarsa/