BJP News देशभर में भारतीय जनता पार्टी इन दोनों अंदरूनी असंतोष और विद्रोह से मुकाबला कर रही है। संगठन और सरकारों के बीच बढ़ती खाई को देखते हुए अब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस ने भी मोर्चा संभाल लिया है। जिस तरह की उठापटक और फेरबदल की अंदरूनी खबरें उत्तर प्रदेश से शुरू हुई है उसकी गर्माहट अब उत्तराखंड में भी महसूस की जा रही है। जहां लंबे समय से धामी कैबिनेट में मंत्रियों का विस्तार होना लंबित है वही दायित्व को बांटने में भी बच बच कर फैसले लिए जा रहे हैं। इसी बीच प्रदेश के दो उपचुनाव हारने के बाद भारतीय जनता पार्टी में भी अंदर खाने संगठन और कार्यकर्ताओं के बीच असंतोष की आग नजर आने लगी है। जिसकी बानगी खुद पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अपने बयान में कर दी थी ऐसे में आने वाले दिनों में होने वाले प्रदेश के नगर निगम और अन्य चुनाव में उम्मीदवारों का चयन भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती भी हो सकता है सूत्र बताते हैं कि अब भाजपा वापस अपने कार्यकर्ताओं और कर्मठ नेताओं पर ही भरोसा जताएगी और बाहरी नेताओं से दूरी बनाएगी
संगठन में मिलेगा कार्यकर्ता को सम्मान BJP News
शाइनिंग उत्तराखंड न्यूज़ ने जब भाजपा प्रदेश मुख्यालय में पुराने कार्यकर्ताओं से ऑफ द रिकॉर्ड बातचीत की तो उनका भी यही कहना है कि सालों साल पार्टी का झंडा और नारा बुलंद करने वाले नेताओं को ही सरकार और संगठन में जगह मिलनी चाहिए ना की दल बदल करने वाले जुमा जुमा पहले आये नेताओं को तवज्जो दी जाए। यही वजह है कि बद्रीनाथ और मंगलोर में भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा। क्योंकि यहां प्रत्याशी पुराने कांग्रेसी और नए नवले भाजपाई थे ऐसे में हमने पार्टी नेताओं से आने वाले दिनों में होने वाले नगर निकाय चुनाव में दावेदारी को लेकर उनके मन की बात की तो पता चला अब भाजपा अपने पुराने और वफादार नेताओं को ही मैदान में उतार सकती है..
निगम चुनाव में पार्टी के चेहरों को मिलेगा मौका
प्रदेश के सभी नगर निगम और पार्षद प्रत्याशियों के लिए अब भाजपा नए सिरे से अपने ही पार्टी के चेहरों को आगे बढ़ने का प्लान बना रही है। यही वजह है कि अब पार्टी में उम्मीद के साथ-साथ कार्यकर्ताओं में जोश भी नजर आने लगा है। देहरादून नगर निगम की बात की जाए तो प्रदेश की राजधानी होने के साथ-साथ इस वीआईपी शहर को स्मार्ट सिटी के रूप में भी एक नई पहचान मिल रही है। इसलिए यहां पर नगर निगम का मजबूत होना पार्टी और सरकार के लिए भी एक विकास का मॉडल सेट करने जैसा है। हमने जब इस बारे में भाजपा के अपने सूत्रों से खबरों को खंगाला तो पता चला कि यहां पार्टी एक दिग्गज महिला उम्मीदवार और मजबूत वोट बैंक के साथ लंबे समय से पार्टी के साथ साथ संगठन में भी अपनी साफ सुथरी छवि बनाने वाली नेत्री को उतारने जा रही है जिसका जनाधार हर समाज के साथ साथ विशेष वर्ग में भी अच्छा खासा दबदबा है कौन है वो नाम हम आपको आगे बताते हैं
महिला उम्मीदवार साफ़ छवि और लक्ष्मी अग्रवाल
देहरादून नगर निगम की बात की जाए तो यहां सबसे प्रभावशाली वोट बैंक व्यापारी समाज का माना जाता है यही वजह है कि कई विधानसभा में मजबूत और निर्णायक भूमिका निभाने वाले व्यापारी वर्ग के बड़े वोट बैंक को साधने के लिए भाजपा पार्टी की लंबे समय से खिदमत कर रही और सहसपुर से अपनी पहचान बनाने वाली लक्ष्मी अग्रवाल को देहरादून नगर निगम में मेयर पद के लिए मैदान में उतार सकती है। इसकी सबसे बड़ी वजह कार्यकर्ताओं को सम्मान देना महिला नेतृत्व को आगे लाना और साफ सुथरी छवि को मौका देना है।
भाजपा कांग्रेस दोनों में हैं लक्ष्मी के समर्थक
पार्टी नेताओं का मानना है कि लंबे समय से भाजपा में जुड़े रहने की वजह से अनुभवी और मृदभाषी लक्ष्मी अग्रवाल की पैठ समाज के हर वर्ग के साथ-साथ महिलाओं में खास है और उनके सामाजिक कार्यों का फायदा पार्टी को नगर निकाय चुनाव में भी जीत के रूप में मिल सकता है। वहीं कुछ लोग कहते हैं कि कांग्रेस में अपनी छोटी सी पारी के दौरान लक्ष्मी अग्रवाल ने वहां पर भी अपनी अच्छी खासी फैन फॉलोइंग बनाई लिहाजा उनके मैदान में आने से न सिर्फ बीजेपी का बल्कि कांग्रेस का भी एक गुट लक्ष्मी अग्रवाल को अंदर खाने सपोर्ट कर सकता है ऐसे में अगर नगर निगम चुनाव में पार्टी को जीत मिलती है तो इससे कार्यकर्ताओं और संगठन के अंदर महिला युवा हर वर्ग का हौसला भी बढ़ेगा।