Indian Tradition: श्मशान में महिलाये क्यों नहीं जाती ?

Indian Tradition: काशी में जहां मसान में गृहस्थों के होली खेलने को लेकर सवाल खड़ा हो गया है, वहीं धर्म के ज्ञाता और काशी विद्वत परिषद् सहित अखाड़ों ने भी महिलाओं के महा श्‍मशान में जाने को निषेध बताया है. उनका कहना है की महिलाएं किसी सूरत में श्मशान में नहीं जानी चाहिए. दूसरी तरफ महिलाएं कहती है कि हम आज की नारी हैं. हम हर जगह जा सकते हैं फिर श्मशान पर पाबंदी क्यों. इसे लेकर काशी में नया विवाद खड़ा हो गया है.

Indian Tradition

धर्म नगरी काशी में हंगामा Indian Tradition

धर्म नगरी काशी में मसान में महिलाओं में जाने को लेकर हंगामा खड़ा हो गया है. महाकुम्भ से सुर्खियों में आई हर्षा रिछारिया कहती है मैं एक महिला हूं पर काशी में आकर बाबा का दर्शन करके बहुत अच्छा लग रहा है और मैं आगे सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए ही काम करती रहूंगी. इसके साथ ही हर्षा ने ये भी बताया की अभी राजनीति‍ में जानें का को कोई विचार नहीं है और मसान पर महिलाओं के जाने को लेकर हर्षा का कहना था की नियम बहुत कुछ हैं पर बहुत सारी जगह पर महिलायें श्‍मशान जाती हैं.

क्या कहते हैं शास्त्र

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हर साल की तरह इस बार भी घाटों पर आयोजित होने वाली इस अनूठी होली को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. कई संतों और विद्वानों ने इसे शास्त्र सम्मत न मानते हुए इसकी आलोचना की है.  वहीं, आयोजन समिति और प्रशासन ने महिलाओं को इस आयोजन से दूर रहने की सलाह दी है. इसके अलावा, नशे में हुड़दंग मचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी जारी की गई है. जूना अखाड़े के प्रवक्ता का भी कहना है कि महिलाओं का मशान में जाना शास्त्रों के अनुसार निषेध है. क्योंकि मसान में आत्मा का वास होता है और मृत्यु के बाद 15 से 45 दिन तक आत्मायें विचरण करती हैं. ऐसे में महिलाओं में परविष्ट कर सकती हैं और इसका दोष होता है घर में अशांति हो सकती है.

Indian Tradition

Indian Tradition: सनातन धर्म में कुल 16 संस्कार

सनातन धर्म में कुल 16 संस्कार बताए गए हैं, जिसमें 16वां संस्कार अंतिम संस्कार माना जाता है. हिंदू धर्म में व्यक्ति की मृत्यु के बाद कई परंपरा निभाई की जाती हैं. मृत्यु के बाद व्यक्ति का अंतिम संस्कार श्मशान घाट में किया जाता है, लेकिन हिंदू धर्म में श्मशान घाट में महिलाओं का जाना वर्जित है. क्या आपको पता है कि आखिर किस कारण से महिलाएं श्मशान घाट में नहीं जाती हैं.  जानकारी के अनुसार, श्मशान घाट में बुरी आत्माओं का वास माना जाता है. मृत्यु के दौरान शोक में डूबी महिलाएं अपने मन पर काबू नहीं रख पाती हैं. इसलिए महिलाओं का श्मशान घाट जाना वर्जित है. हिंदू धर्म में जो लोग अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट जाते हैं, तो मृतक के परिवार के लोग मुंडन करवाते हैं, लेकिन मुंडन औरतों और लड़कियों का कराना अशुभ माना जाता है. यह भी एक खास वजह है कि महिलाओं के श्मशान घाट न जाने की.

गरुड़ पुराण में यह मान्यता

गरुड़ पुराण के अनुसार, अगर कोई महिला श्मशान घाट जाती हैं, तो उस पर बुरी शक्तियों का असर पड़ता है.जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो घर में शौक का माहौल होता है. इसके अलावा जब उस मृतक के शरीर को श्मशान ले जाते है तो वह समय बहुत ही पीड़ादायक होता है. महिलाओं को ज्यादा संवेदनशील माना जाता है. यही कारण हैं कि महिलाओं के श्मशान घाट में जाने की मनाही होती है और श्‍मशान में होली खेलना या नशा करना दोष माना गया है

ShiningUttarakhandNews

We are in the field of Electronic Media from more than 20 years. In this long journey we worked for some news papers , News Channels , Film and Tv Commercial as a contant writer , Field Reporter and Editorial Section.Now it's our New venture of News and Informative Reporting with positive aproch specially dedicated to Devbhumi Uttarakhand and it's glorious Culture , Traditions and unseen pictures of Valley..So plz support us and give ur valuable suggestions and information for impressive stories here.