Crime News माँ ने नहीं दी नई साड़ी और मर गयी बेटी !

Crime News नयी पीढ़ी के लिए ये खबर एक कड़वी सच्चाई के रूप में एक सबक भी है कि भावनाओं में बहकर फैसले नहीं करने चाहिए। मातापिता और परिजनों की सलाह , सुझाव बेहद कीमती होते हैं उनका मोल समझना चाहिए। एक बेटी को ये नज़रअंदाज़ करना भारी पड़ा और उसके दिमाग ने एक ऐसा फैसला किया जो सभी को रुला गया। आंध्र प्रदेश के सत्य साईं जिले से एक बेहद दुखद और चौंकाने वाली घटना सामने आई है. धर्मावरम बालाजी नगर की रहने वाली इंटरमीडिएट की छात्रा उमा ने सिर्फ इसलिए आत्महत्या (Suicide) कर ली क्योंकि उसकी मां ने फ्रेशर्स पार्टी के लिए नई साड़ी दिलाने से मना कर दिया था. यह घटना आज की युवा पीढ़ी की मानसिकता और भावनात्मक अस्थिरता पर गंभीर सवाल खड़े करती है.

क्या है पूरा मामला ? Crime News

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उमा एक स्थानीय कॉलेज में इंटर द्वितीय वर्ष की छात्रा थी. कॉलेज में फ्रेशर्स डे पार्टी का आयोजन होने वाला था जिसमें वह नए कपड़े पहनकर शामिल होना चाहती थी. उसने अपनी मां से कई बार नई साड़ी की मांग की लेकिन घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण मां ने साड़ी दिलाने से इनकार कर दिया. इससे उमा बेहद परेशान हो गई.उषा को यह बात खल रही थी कि उसकी सभी सहेलियां नई साड़ी पहनकर पार्टी में जाएंगी और वह पुरानी साड़ी में कैसे जाएगी. इसी मानसिक तनाव में उसने घर पर एक पुरानी साड़ी से फंदा बनाकर पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली. जब उसकी मां घर लौटी और बेटी को इस हालत में देखा तो वह सदमे में चली गई और फूट-फूट कर रोने लगी.


घटना पूरे समाज के लिए चेतावनी

यह घटना किसी एक परिवार के लिए नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है. पता नहीं आजकल के युवाओं को क्या हो गया है कि वे छोटी-छोटी बातों पर बड़े कदम उठा रहे हैं. ये बेहद ही चिंताजनक है. प्यार में नाकामी, माता-पिता की डांट, या कोई छोटी सी मांग पूरी न होने पर आत्महत्या जैसे फैसले लेना मानसिक रूप से अस्थिरता को दर्शाता है.समाज, स्कूल और परिवार को मिलकर बच्चों को भावनात्मक रूप से मजबूत बनाने की जरूरत है. उन्हें यह समझाना जरूरी है कि जीवन की हर समस्या का समाधान आत्महत्या नहीं है.हमारी खबर का मकसद भी यही है की हम अपने बच्चों को सही सलाह दें और वो उसपर अम्ल कर एक सही रास्ता चुने।