देहरादून से आशीष तिवारी की रिपोर्ट –
Savin Bansal माँ नहीं थी तो क्या ? डीएम सविन बंसल ने मामा बनकर तीन मासूम बेटियों की किस्मत संवारने का फैसला कर लिया और उन्हें परेशानियों के अँधेरे से निकाल कर शिक्षा के उजियारे में लाकर भविष्य का रास्ता दिखाया है। जी हां एक बार फिर देहरादून के डीएम और एक संवेदनशील आईएएस ने लोगों का दिल जीतकर मुख्यमंत्री धामी के उस फैसले पर मोहर लगा दी है जिसमें बड़ी उम्मीदों के साथ आईएएस सविन बंसल को देहरादून का डीएम बनाया गया था।
“शिक्षा ही बच्चों का भविष्य संवार सकती है – सविन बंसल Savin Bansal
अब बात करते हैं निर्धन परिवार की बिन मां की उन 3 बेटियों की जो अपनी फ़रियाद लेकर जनता दरबार में सामने खड़ी थी डीएम बंसल के , जहाँ उनकी आपबीती और हालात को सुनकर डीएम बंसल भी भावुक हो गए और तत्काल मातहत अफसरों को सहायता के निर्देश दिए। आपको यहाँ बता दें कि 3 छोटी बहनों की बड़ी बहन सरिता ने जिलाधकारी संविन बसंल से अपनी व्यथा सुनाते हुए बताया था कि उनकी माता की डूबने से मृत्यु हो गई है, पिता बेरोजगार हैं 3 बहनों की शिक्षा-दीक्षा विवाह तक की जिम्मेदारी उन पर है तथा फीस देने के पैसे नही हैं बहनों की स्कूल की शिक्षा छूट गई है।
हर बेटी को पढ़ाई का अवसर मिलना चाहिए – डीएम
सरिता ने जिलाधिकारी से आर्थिक सहायता की गुहार लगाई थी, जिस पर जिलाधिकारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को 3 बहनों को स्कूल में दाखिला दिलाने तथा जीएमडीआईसी को सरिता को रोजगारपरक प्रशिक्षण दिलाने को निर्देशित किया था। लिहाज़ा अब जिला प्रशासन ने इन बच्चियों को स्कूल में दाखिला दिला दिया है। शिक्षा के मंदिर पहुंच स्कूल ड्रेस पहन बालिकाओं के चेहरे खिल उठे हैं । काजल को कक्षा 5, प्रीति को कक्षा 4, रागिनी को कक्षा 3 में दाखिला दिलाया है। प्रशासन द्वारा असहाय व्यथित भटकते जीवन में उम्मीद एवं आशा व शिक्षा की किरण दिखाने का कार्य निरंतर जारी है, जहां 3 बेटियों को स्कूल में दाखिला दिलाया वहीं 1 बेटी को रोजगारपरक प्रशिक्षण देकर सेवायोजित करने की तैयारी है।
बिन मां की 3 निर्धन बेटियों को मिला स्कूल में दाखिला
जिलाधिकारी के निर्देश पर सरिता की 3 बहनों को रा.प्रा.वि. लाडपुर, रायपुर में प्रवेश मिला। सरिता को रोजगारपरक प्रशिक्षण देकर योग्तयानुसार सेवायोजित करने के डीएम के निर्देश पर जिला प्रोबेशन अधिकारी ने जीएमडीआईसी को पत्र प्रेषित किया है, डीएम के निर्देश पर संबंधित विभागों की टीम द्वारा ऐसे परिवारों की पहचान की जा रही है जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उनकी बेटियों का स्कूल में दाखिला नहीं हो पा रहा था, इसके लिए प्राजेक्ट नंदा सुनंदा में सराहनीय कार्य किए जा रहे हे। डीएम ने स्वयं पहल कर इन बालिकाओं का प्रवेश सरकारी विद्यालय में कराया और उन्हें निःशुल्क पुस्तकों, यूनिफॉर्म एवं अन्य आवश्यक सामग्री भी उपलब्ध कराई।
रंगबाज़ी मत दिखाना – ये नैनीताल पुलिस है ! https://shininguttarakhandnews.com/nainital-viral-video/