BKTC उत्तराखंड में बीते दिनो केदारनाथ में उद्योगपति मुकेश अंबानी के दौरे के दौरान बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष पर केदार सभा ने मंदिर की सदियों पुरानी परंपराओं के उल्लंघन का आरोप लगाया था. मुकेश अंबानी की यात्रा के अगले ही दिन उत्तराखंड चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने भी हेमंत द्विवेदी के खिलाफ झंडा बुलंद कर उनके पद से हटाने की मांग कर दी थी. वही अब एक और विवाद के चलते बीजेपी के ही दो बड़े नेताओं के बीच खीच-तान देखने को मिल रही है. ये दोनों ही नेता बदरी केदार मंदिर समिति से जुड़े हैं. इनमें एक पूर्व अध्यक्ष अजेंद्र अजय है तो दूसरे नेता वर्तमान अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी हैं.

दोनों नेताओं के बीच तकरार बदरी केदार मंदिर समिति में कांग्रेस के पूर्व बीकेटीसी अध्यक्ष गणेश गोदियाल के लगाए गए आरोपों के बाद शुरू हुई है. कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने बदरी केदार मंदिर समिति में बीजेपी के पिछले कार्यकाल से लेकर अब तक चली आ रही अनियमितताओं को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने मंदिर समिति में अजेंद्र अजय के कार्यकाल के दौरान कई मुद्दों पर सवाल खड़े किये है. जिसमें से एक मुद्दा अजेंद्र अजय के कार्यकाल के दौरान उनके भाई की नियुक्ति और वेतन वृद्धि से भी जुड़ा है. इसे लेकर जब वर्तमान बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा वह इस पर जांच कराएंगे. बस यही बात अजेंद्र अजय को नागवार गुजरी. इसके बाद उन्होंने वर्तमान अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी को उनके तमाम कार्य याद दिला दिये।

उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व बीकेटीसी के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने मुद्दा उठाया था कि बतौर मंदिर समिति के अध्यक्ष रहते अजेंद्र अजय ने कई अनियमितताएं की है. जिसमें उन्होंने अपने भाई को लाभ पहुंचाने का काम भी किया. इस पर जब मंदिर समिति के वर्तमान अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी को पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो इस पर जांच कराएंगे. इसी बात से नाराज हुए पूर्व अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने मंदिर समिति में व्याप्त भ्रष्टाचार की खुद ही पोल खोल दी. अजेंद्र अजय ने वर्तमान अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी को बताया कि वो कौन-कौन से कार्य मंदिर समिति के अधूरे छोड़कर गए थे. उन पर वर्तमान अध्यक्ष ने क्या कुछ एक्शन लिया. मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष रहे अजेंद्र अजय ने वर्तमान अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी की कार्य प्रणाली पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि उनके द्वारा उनके भाई की वेतन वृद्धि की जांच को लेकर जो बयान दिया गया है वो केवल बयानबाजी तक सीमित ना रहे. जल्द ही इसकी जांच करवाई जाए.

इसके अलावा उन्होंने हेमंत द्विवेदी को यह भी याद दिलाया है कि साल 2010-11 से लगातार मंदिर समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में कार्यरत रहे बीडी सिंह के कार्यकाल की भी जांच होनी चाहिए. अजेंद्र अजय ने कहा उनके कार्यकाल में बीडी सिंह को हटाया गया था. लेकिन बीडी सिंह आज भी मंदिर समिति के साथ चिपके हुए हैं. यह सोचने वाली बात है. अजेंद्र अजय ने वर्तमान अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी को याद दिलाया कि केदारनाथ में एक क्यूआर कोड का प्रकरण बहुत तेजी से उठा था. जिस पर उन्होंने मुकदमा दर्ज करवाया था. उस पर उन्होंने वर्तमान अध्यक्ष को संज्ञान लेने की नसीहत दी. उन्होंने कहा उनके कार्यकाल में चमोली पुलिस ने इस मामले पर बहुत तेजी दिखाई थी. अब वर्तमान अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी के कार्यकाल में इस मामले में पुलिस ढीली क्यों पड़ गई है. इस पर भी हेमंत द्विवेदी को जवाब देना चाहिए।

वहीं इसके अलावा वर्तमान में मंदिर समिति में कार्यरत मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय थपलियाल की नियुक्ति पर भी उन्होंने सवाल खड़े किये हैं. उन्होंने कहा मंदिर समिति के सीईओ विजय थपलियाल मंदिर समिति की सेवा नियमावली के अनुसार मुख्य कार्यकारी अधिकारी की काबिलियत नहीं रखते हैं. उन्होंने बताया उनके कार्यकाल में पहली बार सेवा नियमावली तैयार की गई. इस सेवा नियमावली के अनुसार मंदिर समिति का मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्लास वन ऑफिसर होना चाहिए. अभी जो अधिकारी तैनात है वह क्लास वन तो छोड़िए क्लास 2 की भी काबिलियत नहीं रखता है. अजेंद्र अजय ने कहा उन्होंने इस संबंध में तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी राधा रतूड़ी को शिकायत की थी. उन्होंने कहा बीकेटीसी के अध्यक्ष को इन तमाम मामलों पर भी ध्यान देना चाहिए।

आपको बता दे बीते दिनों केदारनाथ धाम में उद्योगपति मुकेश अंबानी के दर्शन के दौरान परंपरा उल्लंघन को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। केदार सभा और चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष पर मंदिर की सदियों पुरानी परंपराओं के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था। वहीं बीकेटीसी अध्यक्ष ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी पर गंभीर आरोप लगाते हुए केदार सभा ने उन्हें पद से हटाने की मांग कर दी थी। केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी और वरिष्ठ सदस्य संतोष त्रिवेदी का कहना था कि समिति अध्यक्ष बनने के बाद से द्विवेदी का व्यवहार ठीक नहीं रहा है. उन्होंने कई बार पारंपरिक व्यवस्थाओं में हस्तक्षेप किया है। वही विपक्ष ने आरोप लगाया कि वीआईपी दर्शन के नाम पर श्रद्धालुओं से धन वसूला जा रहा है.

