Google Maps अगर आप रोज़ाना ऑफिस, कॉलेज या किसी मीटिंग के लिए निकलते हैं, तो Google Maps आपका सबसे भरोसेमंद साथी बन चुका होगा. यह ऐप ना केवल आपको रास्ता दिखाता है, बल्कि यह भी बताता है कि कौन सा रास्ता ट्रैफिक-फ्री है और कौन सा आपको जाम में फंसा सकता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह छोटा सा ऐप कैसे इतनी सटीक जानकारी देता है? इसके पीछे तीन प्रमुख तकनीकें काम करती हैं और वो है ट्रैफिक का ऐतिहासिक डेटा, रियल-टाइम जानकारी और मशीन लर्निंग.
इतिहास से सीखता है Google Maps
जैसे इंसान बीते अनुभवों से सीखता है, वैसे ही Google Maps भी ‘ट्रैफिक हिस्ट्री’ से सीखता है. यह ऐप वर्षों से इकट्ठे किए गए ट्रैफिक पैटर्न का विश्लेषण करता है कि किस सड़क पर किस समय सबसे ज़्यादा भीड़ होती है, वाहन औसतन कितनी गति से चलते हैं, और किन घंटों में रास्ता सुगम रहता है. इस ऐतिहासिक डेटा की मदद से ऐप यह अनुमान लगा सकता है कि दिन के किसी ख़ास समय में कौन सा मार्ग सबसे उपयुक्त रहेगा. उदाहरण के तौर पर, सुबह 9 बजे ऑफिस जाने वाले हजारों यूज़र्स के पिछले डेटा से यह समझ लिया जाता है कि किन रास्तों पर हर दिन ट्रैफिक जाम होता है और किन पर गाड़ियाँ तेज़ी से चलती हैं.

रियल-टाइम डेटा से बनती है सटीक तस्वीर
इतिहास मदद करता है, लेकिन ताज़ा स्थिति सबसे अहम होती है. Google Maps को रियल-टाइम डेटा सरकारी और निजी ट्रैफिक सेंसर्स से मिलता है, जो सड़कों पर लगे होते हैं. इन सेंसर्स से वाहन की गति, दिशा और घनत्व की जानकारी सर्वर तक पहुँचती है.इसके अलावा, करोड़ों यूज़र्स के मोबाइल फोनों से मिलने वाला GPS डेटा भी ऐप को लाइव ट्रैफिक की स्थिति बताता है. जब कोई यूज़र Google Maps का लोकेशन सर्विस ऑन रखता है, तो उसका फोन यह बताता है कि वह किस गति से आगे बढ़ रहा है. यदि किसी क्षेत्र में बहुत सारे वाहन एक साथ धीमे चल रहे हैं, तो ऐप उस रास्ते को ‘रेड लाइन’ से चिह्नित करता है यानी वहाँ ट्रैफिक जाम है. वहीं, स्मूद ट्रैफिक वाले मार्गों को ‘ब्लू लाइन’ में दिखाया जाता है.
मशीन लर्निंग देती है भविष्य की झलक
Google ने DeepMind जैसी उन्नत AI तकनीक को अपने सिस्टम में शामिल कर ट्रैफिक पूर्वानुमान को और स्मार्ट बनाया है. अब यह ऐप Graph Neural Networks (GNNs) नामक मशीन लर्निंग मॉडल का उपयोग करता है. यह मॉडल सड़कों, सिग्नलों, मौसम, हादसों और रोडब्लॉक्स जैसे तत्वों को एक साथ जोड़कर ट्रैफिक को तैयार करता है.अगर किसी क्षेत्र में बारिश हो रही हो या कोई दुर्घटना घट गई हो, तो सिस्टम तुरंत इसका असर बाकी सड़कों पर भी आंक लेता है और ऐप वैकल्पिक मार्ग सुझाता है. इस तरह Google Maps केवल यह नहीं बताता कि ‘आप कहाँ हैं’, बल्कि यह भी बताता है कि ‘आपको किस रास्ते जाना चाहिए’.


