Gold Price 18, 22 और 24 कैरेट का ही क्यों होता है सोना ?

Gold Price हमारे देश में सोना सदियों से एक अहम स्थान रखता है. शादियां हों या त्योहार या फिर कोई धार्मिक अनुष्ठान इन सभी में सोने के गहनों की चमक हर एक अवसर को अपनी चमक से और खास बनाती है और भारतीयों के लिए सोना न सिर्फ आभूषण के रूप में बल्कि वो इसे निवेश के रूप में भी बहुत ज्यादा अहम मानते हैं.लेकिन जब बात सोने की शुद्धता की आती है तो हमें अक्सर 18, 22 या फिर 24 कैरेट जैसे शब्द ही सुनने को मिलते हैं. आपने कभी सोचा है कि आखिर ये कैरेट क्या होता है ?

मानकों के अनुसार ही सोना खरीदना चाहिए Gold Price

 

बता दें कि कैरेट सोने की शुद्धता मापने की एक इकाई है. 24 कैरेट सोना मतलब 100% शुद्ध सोना होता है. यानी कि इसमें कोई अन्य धातु नहीं मिलाई जाती है.लेकिन शुद्ध सोना बहुत नरम होता है जिसके कारण इसे किसी भी तरह की ज्वैलरी के उपयुक्त बनाने के लिए तांबा, चांदी या जस्ता जैसी धातुओं के साथ मिलाया जाता है. यही कारण है कि बाजार में 18 कैरेट (75% शुद्ध) और 22 कैरेट (91.67% शुद्ध) जैसे विकल्प मिलते हैं.

वहीं, 22 कैरेट का सोना 22 हिस्से शुद्ध सोना होता है और इसमें 2 हिस्से किसी दूसरी धातु का प्रयोग किया जाता है. यानी करीब 92 प्रतिशत शुद्ध सोना. 18 कैरेट में 18 हिस्से शुद्ध सोना, यानी 75 प्रतिशत शुद्ध सोना.ये सोना 24 कैरेट सोने से ज्यादा मजबूत होता है इसलिए फैशनेबल डिजाइन वाले गहनों में इसे ही प्रयोग किया जाता है. 24 कैरेट सोना सिर्फ सिक्कों के लिए ही सही होता है इससे कभी भी गहने नहीं बन पाते हैं और अगर बनते भी हैं तो ये 22 कैरेट के मुकाबले उतने मजबूत नहीं होते हैं.

अब आपके मन में भी सवाल आता होगा कि 19, 21 या फिर 25 कैरेट का गोल्ड क्यों नहीं बनता है तो आपको बता दें कि भारत में BIS (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स) सिर्फ 14, 18, 22 और 24 कैरेट को ही मान्यता देता है.14, 18 और 22 कैरेट सोने की ज्वैलरी में हॉलमार्किंग की अनुमति दी गई है. हॉलमार्क BIS द्वारा जारी एक गुणवत्ता प्रमाण पत्र है जो एक निश्चित आभूषण में सोने की शुद्धता की गारंटी देता है.