Narak Chaturdashi 22 :औरतों का नर्क से है खूबसुरत रिश्ता – Amazing world

Narak Chaturdashi 22 दिवाली से एक दिन पहले आज देश भर में छोटी दिवाली मनाई जा रही है जिसे नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान कृष्‍ण, यमराज और बजरंगबली की पूजा करने का विधान है। मान्‍यता है कि इस दिन पूजा करने से मनुष्‍य नरक में मिलने वाली यातनाओं से बच जाता है साथ ही अकाल मृत्यु से रक्षा होती है। आइए जानते हैं नरक चतुर्दशी के बारे में अन्‍य खास बातें क्यों कहते हैं छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी…

Narak Chaturdashi 22

Narak Chaturdashi 22
Narak Chaturdashi 22
  • Narak Chaturdashi 22 नरक चतुर्दशी को मुक्ति पाने वाला पर्व कहा जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। इसलिए इस चतुर्दशी का नाम नरक चतुर्दशी पड़ा। इस दिन सूर्योदय से पहले उठने और स्थान करने का महत्त्व है। इससे मनुष्य को यम लोक का दर्शन नहीं करना पड़ता है। विष्णु और श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार नरकासुर नामक असुर ने अपनी शक्ति से देवी-देवताओं और मानवों को परेशान कर रखा था। असुर ने संतों के साथ 16 हजार स्त्रियों को भी बंदी बनाकर रखा था। जब उसका अत्याचार बहुत बढ़ गया तो देवता और ऋषि-मुनियों ने भगवान श्रीकृष्ण की शरण में आकर कहा कि इस नरकासुर का अंत कर पृथ्वी से पाप का भार कम करें।

 

Narak Chaturdashi 22
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  • भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें नरकासुर से मुक्ति दिलाने का आश्वासन दिया लेकिन नरकासुर को एक स्त्री के हाथों मरने का शाप था इसलिए भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा को सारथी बनाया और उनकी सहायता से नरकासुर का वध किया। जिस दिन नरकासुर का अंत हुआ, उस दिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी थी। नरकासुर के वध के बाद श्रीकृष्ण ने कन्याओं को बंधन से मुक्त करवाया। मुक्ति के बाद कन्याओं ने भगवान कृष्ण से गुहार लगाई कि समाज अब उन्हें कभी स्वीकार नहीं करेगा, इसके लिए  कोई उपाय निकालें। हमारा सम्मान वापस दिलवाएं। समाज में इन कन्याओं को सम्मान दिलाने के लिए भगवान कृष्ण ने सत्यभामा के सहयोग से 16 हजार कन्याओं से विवाह कर लिया। 16 हजार कन्याओं को मुक्ति और नरकासुर के वध के उपलक्ष्य में घर-घर दीपदान की परंपरा शुरू हुई।
Narak Chaturdashi 22
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Narak Chaturdashi 22 इसलिए महिलाएं करती हैं 16 श्रृंगार

  • Narak Chaturdashi 22 भगवान कृष्‍ण ने इस दिन 16 हजार कन्‍याओं का उद्धार किया, इसी खुशी में इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं। नरक चतुर्दशी को रूप चतुर्दशी भी कहते हैं। इस दिन जल में औषधि मिलाकर स्नान करने और 16 ऋृंगार करने से रूप सौन्दर्य और सौभाग्य बढ़ता है ऐसी मान्यताएं कहती हैं।

प्राइवेट पार्ट में डाला सेनेटाइजर और ब्रश , यहां हुई खौफनाक रैगिंग https://shininguttarakhandnews.com/brutal-torture-ragging-rajkot/

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