Kirstie Ennis Life सिर्फ 17 साल की उम्र में कर्स्टी एनिस अमेरिकी सशस्त्र बलों से जुड़ गई थीं। 2012 में एक विमान हादसे में वह बाल-बाल बचीं। हालांकि, उन्हें गहरी चोटें आईं। अगले तीन साल 40 सर्जरी हुईं। 2015 में पैर काटना पड़ा। हालांकि, हिम्मत नहीं हारी। 31 साल की होते-होते कर्स्टी ने तीन मास्टर डिग्री कर डालीं।
Kirstie Ennis Life हाइलाइट्स में पूरी कहानी

- Kirstie Ennis Life 2012 में अफगानिस्तान में हेलीकॉप्टर हादसे में बाल-बाल बची जान
- तीन साल में 40 सर्जरी से गुजरी एनिस, 2015 में काटनी पड़ी टांग
- एक पैर से दुनिया के सात सबसे ऊंचे पर्वतों में से छह कर चुकी हैं फतह

- कर्स्टी एनिस (Kirstie Ennis) असाधारण हैं। उनकी हिम्मत की जितनी दाद दी जाए कम है। कर्स्टी एनिस की जिंदगी मुर्दे में जान फूंक देती है। 31 साल की कर्स्टी ने तीन मास्टर डिग्री की हैं। वह हॉलीवुड स्टंटवुमन रह चुकी हैं। इंग्लैंड में 1,000 मील (करीब 1609 Km) पैदल चली हैं। दुनिया के सात सबसे ऊंचे पर्वतों में से छह पर चढ़कर उन्हें बौना साबित किया है। सबसे खास बात कि उन्होंने यह सब एक हादसे में पैर गंवाने के बाद किया है। जब लोग ऐसे हादसों में तिनका-तिनका बिखर जाते हैं। कर्स्टी एनिस ने शरीर की सीमाओं को आड़े नहीं आने दिया।

- Kirstie Ennis एनिस अमेरिका की पूर्व मरीन सर्जेंट हैं। सिर्फ 17 साल की उम्र में वह सेना से जुड़ गई थीं। 2012 में अफगानिस्तान के ऊपर से वह हेलीकॉप्टर चलाते हुए जा रही थीं। तभी एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया। इस हादसे में उनकी जान जाते-जाते बची। इसमें उन्हें काफी ज्यादा चोट आई। अगले तीन साल उनकी 40 सर्जरी हुईं। 2015 में उन्हें जबर्दस्त इन्फेक्शन हो गया। इसमें उनका एक पैर काटना पड़ा। इसके चलते वह मेडिकल रिटायरमेंट लेने को मजबूर हो गईं। लोगों की सुरक्षा के लिए वह सशस्त्र बलों से जुड़ी थीं।
Kirstie Ennis दुनिया के छह सबसे ऊंचे पहाड़ चढ़ चुकी हैं एनिस

- Kirstie Ennis Life एनिस ने आंख बंद की। फिर ठाना कि वह घर की चारदीवारों में बंद होकर तो बिल्कुल नहीं रहेंगी। उसी दिन बाहर निकलने का फैसला कर लिया। वह स्पॉन्सर्ड ईवेंट में स्नोबोर्डिंग और क्लाइंबिंग करने लगीं। फिर उनका टारगेट ज्यादा साफ हो गया। एनिस ने तय किया कि वह सभी सात समिट की ऊंचाई नापेंगी। ये सात महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियां हैं। उन्होंने 2017 से इसकी शुरुआत कर दी। अब तक वह छह पर चढ़ चुकी हैं। उनका अगला पड़ाव दुनिया की सबसे मुश्किल माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई नापना है।
खबर में पढ़ें – गांधी परिवार के किस्से – https://shininguttarakhandnews.com/history-of-nehru/
