देहरादून से अनीता आशीष तिवारी की विशेष रिपोर्ट –
Aata Sata Rajasthan भारत अपनी संस्कृति और सभ्यता के लिए दूर दूर तक जाना जाता है. यहां के अलग अलग राज्यों में कई तरह के रिवाजों का चलन है. इनमें से कुछ रिवाज और प्रथाएं थोड़ी अटपटी हैं, जिन्हें जड़ से खत्म के प्रयास में सरकार जुटी हुई है. राजस्थान में आटा-साटा नाम की एक प्रथा की बातें अक्सर सुनने में आती हैं. राज्य के युवा इसे कुप्रथा मानते हैं. इस प्रथा के चलते अब तक कई लड़कियां मौत के मुंह में जा चुकी हैं….
Aata Sata Rajasthan आइए जानते हैं इस प्रथा के बार में.

Aata Sata Rajasthan आटा-साटा प्रथा में लड़कियों की अदला बदली की जाती है. जैसे आटा-साटा कुप्रथा के चलते किसी लड़के की शादी किसी लड़की के साथ तय होती है तो लड़की की ओर से किसी लड़के की शादी दुल्हे की बहन से तय कर दी जाती है. इस प्रक्रिया को आटा-साटा प्रथा कहते हैं. इसमें लड़की की पसंद और नपसंद नहीं देखी जाती है और ऐसे में दोनों परिवार आपसी सहमति से अपनी काबिल और पढ़ी लिखी लड़कियों को अनपढ़, बेरोजगार और कभी कभी तो बीमार और मंदबुद्धि लड़कों से शादी कर देते हैं.
Aata Sata Rajasthan वैसे तो शादी के फैसले अधिकतर बड़े पर किए जाते हैं, लेकिन इस प्रथा के अंतर्गत कभी कभी बचपन में ही ये अदला बदला का सौदा हो जाता है और जो वो बड़ी होती है तो उन्हें इस बारे में बताया जाता है और उन्हें ये सदमा बरदाश्त नहीं होता है. इसके चलते लड़कियां कभी आत्महत्या कर लेती हैं.
Aata Sata Rajasthan रिश्तेदारों से भी हो जाती है शादी-

जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि कई बार इस प्रथा के अंतर्गत लड़कियों का विवाह बचपन में ही तय कर दिया जाता है. ऐसे में कई बार उनके बड़े होने का इंतजार भी नहीं किया जाता है और उनका विवाह कर दिया जाता है. प्रथा के चलते घरवालों को लड़की के बदले लड़की देनी पड़ती है इसके चलते वो बेटी की शादी के चक्कर में रिश्तेदार की शादी भी करा देते हैं और ये भी नहीं देखते हैं कि लड़की की उम्र क्या है और रिश्तेदार की उम्र क्या है.maximum ज्यादातर मामलों में ऐसी शादियां जबरदस्ती की जाती है.
Aata Sata Rajasthan आटा-साटा प्रथा का इतना विरोध क्यों हो रहा है? आटा-साटा कुप्रथा से परेशान होकर लड़कियों को जीवन साथी चुनने का अधिकार नहीं दिया जाता है. आटा-साटा कुप्रथा लड़कियों के लिए जिंदा मौत है क्योंकि because लड़कियों से कुछ पूछा ही नहीं जाता कि तुम्हें यह शादी मंजूर है या नहीं.शिक्षित युवक और युवतियां इस कुप्रथा का हिस्सा नहीं बनना चाहती हैं, जिसके कारण ही गांवों में आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है.
लड़कों की अपेक्षा लड़कियों की संख्या कम है, ऐसे में लड़कों के लिए लड़कियां खोजने में समस्या आती थी इस समस्या से निपटने के लिए लोग लड़कियों के बदले लड़कियां मतलब लड़कियों की अदला बदली करके Aata Sata Rajasthan को प्रोत्साहित करते थे. लड़का योग्य हो या नहीं इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता है. पहले यह कुप्रथा बहुत ज्यादा थी लेकिन But शिक्षा के प्रचार प्रसार से बहुत कमी आई है फिर भी कभी कभी ऐसे मामले सुनने को मिल जाते हैं.
लड़कों से रेप के मामले में शर्मनाक है पाकिस्तान की रिपोर्ट https://shininguttarakhandnews.com/pakistan-rape-news-male/