Ajab gazab news कहावत है कि कुत्ते की पूंछ कभी सीधी नहीं होती. ये बात सही है कि कुत्तों की पूंछ गोलाकार और घुमी हुई होती है और किसी भी तरह से इसको सीधा नहीं किया जा सकता. हालांकि दुनिया में ऐसे कुत्ते भी होते हैं जिनकी पूंछ सीधी होती है. कुछ कुत्तों की तो पूंछ होती ही नहीं. जानते हैं कि कुत्तों की पूंछ आमतौर पर टेढी क्यों होती है.

कुत्ते की पूंछ टेढ़ी की टेढ़ी ही रहती है, यह कहावत तो आपने बहुत सुनी होगी. पर क्या आपको इसका कारण पता है? वैसे हर कुत्ते की पूंछ टेढ़ी नहीं होती. पर जिनकी होती है, उसे सीधा करने की जितनी भी कोशिश की जाए, वह टेढ़ी ही रहती है. इसीलिए यह जुमला ऐसे लोगों पर इस्तेमाल किया जाता है, जिनकी फितरत नहीं बदलती. ये रोचक सवाल है कि कुत्ते की पूंछ सीधी नहीं टेढ़ी ही क्यों रहती है.

सबसे पहले तो यह समझना जरूरी है कि हर कुत्ते की पूंछ टेढ़ी नहीं होती है. किसी कुत्ते की पूंछ टेढ़ी होगी कि नहीं, यह उसकी नस्ल और उसकी जीन्स पर निर्भर करता है. अधिकांश तौर पर यह कुत्ते के सदियों से हो रहे विकास का नतीजा होता है. वैज्ञानिक मानते हैं कि अगर किसी कुत्ते को टेढ़ी पूंछ की जरूरत होती है तो विकासवाद के सिद्धांत के जरिए कुछ पीढ़ियों में उसकी पूंछ विकसित हो जाती है.

कुत्तों की टेढ़ी पूंछ उनके विकासक्रम के दौरान उनकी जरूरतों की वजह से टेढ़ी विकसित हुई. कई विशेषज्ञ मानते हैं कि ठंडे इलाकों में रहने वाले कुत्तों के पूर्वजों को अक्सर पूंछ को मोड़कर रखना होता था. वे कई बार आराम करते हुए अपने पूंछ को नाक के ऊपर रख लेते थे, जिससे उन्होंने गर्मी मिल सके. पूंछ मोड़ने की इस आदत ने स्थायी स्वरूप ले लिया.

इसके अलावा कुत्तों का इंसान सदियों से उपयोग कर रहे हैं. उन्हें अपनी पूंछ जमीन से ऊंचाई पर रखने की जरूरत थी. इससे वे अपनी पूंछ हवा में भी टेढ़ी रखने लगे. एक कारण यह भी था कि टेढ़ी पूंछ उनके लिए ज्यादा बेहतर होती थी.अब सवाल यह उठता है कि क्या कुत्ते की पूंछ सीधी की जा सकती है. आजकल सर्जरी की ऐसी कई प्रक्रियाएं आ गई हैं जिससे कुत्ते की पूंछ को सीधा किया जा सकता है. फिर वो अपने आप टेढ़ी नहीं होतीं. हमेशा सीधी ही रहती हैं. हालांकि बताया जाता है कि इस तरह से कुत्ते की पूंछ सीधी कराना कुत्ते की सेहत के लिए ठीक नहीं होता.

कुत्ते की पूंछ को सीधा कराने पर कई सवाल उठाये जाते हैं. एक सवाल तो नैतिक ही है कि क्या ऐसी अप्राकृतिक क्रिया कराना ठीक होगा. इस सर्जरी में सर्जन कुत्ते की हड्डी को तोड़ते हैं उन्हें फिर से व्यवस्थित करते है, जिससे कुत्ते को बहुत अधिक दर्द होता है. इससे उसकी सेहत पर भी बुरा असर होता है. इसका विरोध किया जाता है. कुत्तों की ऐसी बहुत सी प्रजातियां होती हैं जिनकी पूंछ सीधी होती है. इनमें बेसेंजी और फराहो हाउंड प्रमुख हैं. वहीं कुछ मिश्रित प्रजाति के कुत्ते भी होते हैं जिनकी पूंछ सीधी होती है. ऐसे कुत्तों में सीधी पूंछ प्राकृतिक तौर पर ही होती है. यह किसी विकार का संकेत नहीं होता.

दुनिया में कुत्तों की कई प्रजातियां ऐसी भी होती हैं जिनकी पूंछ होती ही नहीं है. इनमें फ्रेंच बुलडॉग, बोस्टन टेरियर, वेल्श कोर्गी, जैसी प्रजातियां प्रमुख हैं. वहीं कई कुत्ते ऐसे भी देखे जाते हैं जिनमें पूंछ देखने को नहीं मिलती है क्योंकि उनके मालिक पूंछ कटवा देते हैं. पश्चिमी देशों में पालतू कुत्तों की पूंछ कटवाना सामान्य बात है. अगर आपके कुत्ते की पूंछ पहले से ही यानी प्राकृतिक रूप से टेढ़ी हो कोई बात नहीं. पर अगर आपके कुत्ते की पूंछ अचानक ही टेढ़ी हो जाए या ज्यादा ही टेढ़ी हो जाए तो चिंता की बात हो सकती है. अगर कुत्ता खुद पूंछ को टेढ़ी कर रहा है, तो कोई समस्या नहीं, फिर भी ऐसा दर्द के कारण भी हो सकता है. उनकी पूंछ का टेढ़ा होने लगना दर्द का संकेत हो सकता है.
कुत्ते की पूंछ उसकी रीढ़ की हड्डी का विस्तार होती है. उसके टेढ़ा होने का मतलब यह नहीं है कि उनकी रीढ़ की हड्डी भी टेढ़ी ही होगी. रीढ़धारी जानवर होने के नाते उनकी रीढ़ की हड्डी से पूंछ का सीधा जुड़ाव होता है. पूंछ कील की तरह निकली लगती है. इसी वजह से कुत्तों को हेमी वर्टिबरेट कहा जाता है.
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