Alcohol Iffect आपने कभी गौर किया है कि चाहे किसी महंगे बार की बात हो या किसी निजी पार्टी की-शराब हमेशा कांच के गिलास में ही सर्व की जाती है। क्या ये सिर्फ दिखावे की बात है या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक कारण भी छुपे हैं ? दरअसल, शराब को कांच के गिलास में परोसने का चलन केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि इससे जुड़ा है एक पूरा इंद्रिय अनुभव – स्वाद, सुगंध, स्पर्श और यहां तक कि ध्वनि तक…भले ही शराब पीना सेहत के लिए हानिकारक हो, लेकिन फिर भी लोग उसे चाव से चीयर्स करते हुए पीते हैं. लेकिन क्या कभी यह सोचा है कि शराब हमेशा कांच के ही गिलास में क्यों सर्व की जाती है, आखिर इसके पीछे का क्या कारण है.
शराब का पूरा अनुभव केवल कांच में Alcohol Iffect
शराब केवल पीने की चीज़ नहीं है, यह एक अनुभव है। वाइन एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब आप किसी शराब को पीते हैं, तो आपकी इंद्रियां—दृष्टि, गंध, स्वाद, स्पर्श और सुनना–सभी सक्रिय होती हैं। ये अनुभव कांच के गिलास के बिना अधूरा रह जाता है।
क्यों नहीं पसंद किए जाते प्लास्टिक या स्टील के गिलास?
प्लास्टिक के गिलास शराब की महक को पूरी तरह बाहर नहीं आने देते। मीठे या तीखे सुगंध नोट्स दब जाते हैं, जिससे स्वाद अधूरा लगता है। साथ ही, प्लास्टिक कभी-कभी अपनी गंध भी छोड़ सकता है, जो शराब के अनुभव को खराब कर देता है।स्टील के गिलास तापमान को जल्दी बदल देते हैं। यदि शराब को ठंडा या कमरे के तापमान पर परोसा जाना चाहिए, तो स्टील इसे जल्दी गर्म या ठंडा कर देता है, जिससे उसका असली स्वाद और अनुभव बिगड़ता है।कांच के गिलास पीने वाले को शराब के रंग, बनावट और पारदर्शिता का अनुभव कराते हैं. इससे मनोवैज्ञानिक प्रभाव बढ़ जाता है. कांच का गिलास शराब की खुशबू को बनाए रखता है.