Amazing Temple History जोशीमठ की पौराणिक कथा वर्तमान समय में जोशीमठ को लेकर काफी चर्चा हो रही है। जोशीमठ में मंदिरों के साथ-साथ सड़कों और घरों में भी दरारें नजर आने लगी हैं. जिसमें बेहद प्रसिद्ध मंदिर और धार्मिक मान्यताओं से भरा नरसिंह मंदिर भी शामिल है। नरसिंह मंदिर में कई दरारें भी सामने आई हैं। इसके साथ ही भगवान विष्णु के चौथे अवतार नरसिंह की मूर्ति शांत मुद्रा में स्थापित है। उस मूर्ति का एक भाग समय के साथ पतला होता जा रहा है। सामने आए हैं कई कारण, आइए जानते हैं भगवान नरसिंह के पतले हाथों के पीछे की पौराणिक कथाओं के बारे में।
Amazing Temple History आदि गुरु शंकराचार्य ने की स्थापना

Amazing Temple History ऐसा माना जाता है कि भगवान नरसिंह के इस मंदिर की स्थापना आदि गुरु शंकराचार्य ने की थी। क्योंकि वह भगवान नरसिंह को अपना अधिष्ठाता देवता मानते थे। इस मंदिर में आदि गुरु शंकराचार्य का आसन भी है। यह मंदिर लगभग हजारों साल पुराना है और भगवान बद्रीनाथ सर्दियों के दौरान इस सिंहासन पर आकर बैठते हैं। यह भी कहा जाता है कि भगवान नरसिंह के दर्शन के बिना बद्रीनाथ की यात्रा पूरी नहीं मानी जाती है। इसलिए इस मंदिर को नरसिंह बद्री भी कहा जाता है।

Amazing Temple History नर-नारायण पर्वत मिले तो नहीं होंगे बद्रीनाथ के दर्शन!
Amazing Temple History मंदिर में स्थित भगवान नरसिंह की मूर्ति का दाहिना हाथ पतला है और यह धीरे-धीरे हर साल पतला होता जा रहा है। बताया जा रहा है कि एक दिन भगवान नरसिंह का यह हाथ टूटकर गिर जाएगा। जिस दिन यह घटना होगी उस दिन यहां स्थित नर और नारायण नाम के पर्वत विलीन हो जाएंगे और भगवान बद्रीनाथ के दर्शन नहीं होंगे। फिर जोशीमठ के तपोवन क्षेत्र में भविष्य बदरी मंदिर में बद्रीनाथ के दर्शन होंगे।

- Amazing Temple History आखिर क्या भविष्यवाणी लिखी है इस पत्थर पर?
Amazing Temple History जोशीमठ की धार्मिक महत्ता इस बात से भी पता चलती है कि इसका संबंध रामायण और महाभारत काल से भी है. भविष्य बदरी मंदिर के पास में ही एक पत्थर है. माना जाता है कि इसपर आदिगुरु शंकराचार्य ने एक भविष्यवाणी लिखी है. परंतु आजतक कोई भी इसकी भाषा नहीं समझ पाया है.कहा जाता है कि हनुमानजी जब संजीवनी बूटी की खोज में यहां आए थे, तब उनका सामना कालनेमी राक्षस से हुआ था. जहां पर हनुमानजी ने कालनेमी को मारा उस जगह की भूमि आज भी लाल कीचड़ जैसी दिखाई दे रही है.शापित है ये जगह…
Amazing Temple Histor - Amazing Temple History जोशीमठ पौराणिक कथाओं के अनुसार एक समय यहां वासुदेव नाम के एक राजा राज्य करते थे। एक दिन वह राजा शिकार खेलने वन में गया। उसी समय भगवान नरसिंह राजा के महल पहुंचे और रानी से भोजन मांगा, जिसके बाद रानी ने आदरपूर्वक भगवान को भोग लगाया। भोजन करने के बाद रानी ने भगवान से राजा की शैय्या पर विश्राम करने को कहा। इसी बीच राजा शिकार से लौटकर अपने विश्राम-कक्ष में पहुँच गया। राजा ने देखा कि एक व्यक्ति पलंग पर लेटा हुआ है। राजा गुस्से से लाल हो गया और गुस्से में उसने तलवार से उस आदमी पर हमला कर दिया।
- Amazing Temple History जैसे ही भगवान तलवार से घायल हुए, रक्त के बजाय उनकी भुजा से दूध बहने लगा और वह पुरुष भगवान नरसिंह के रूप में बदल गया।राजा को अपनी भूल का अहसास हुआ और वह क्षमा माँगने लगा। भगवान नरसिंह ने कहा कि तुमने जो अपराध किया है उसकी सजा यह है कि तुम परिवार सहित जोशीमठ छोड़कर कत्यूर में जाकर बस जाओ। उसी समय भगवान ने कहा कि तुम्हारे प्रहार के प्रभाव से मंदिर में मेरी मूर्ति का एक भाग पतला हो जाएगा और जिस दिन यह पतली होकर गिर जाएगी, उस दिन वंश का अंत हो जाएगा।
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