Badrinath Municipality चमोली में कचरे से बरसी दौलत !

चमोली की नगर पंचायत बदरीनाथ ने इस वर्ष की चारधाम यात्रा के दौरान कूड़ा प्रबंधन के जरिए आय बढ़ाने के साथ-साथ धाम में स्वच्छता का उदाहरण स्थापित किया।यात्रा काल में नगर पंचायत ने कुल 230 टन कचरा निस्तारित किया, जिससे आठ लाख 89 हजार रुपये से अधिक की आमदनी हुई। बदरीनाथ धाम में प्रतिदिन औसतन दो टन जैविक और अजैविक कचरा जमा होता है। देश-विदेश से लाखों तीर्थयात्री धाम पहुंचते हैं, जिससे सफाई व्यवस्था एक बड़ी चुनौती बन जाती है।

नगर पंचायत ने वर्ष 2021 में कूड़ा प्रबंधन योजना बनाई और इसे लागू करना शुरू किया। योजना के अंतर्गत:
नगर क्षेत्र में कूड़ादान और कचरा संग्रहण वाहनों की संख्या बढ़ाई गई।
कचरे को आर्थिक संसाधन में बदलने की रणनीति अपनाई गई।
पर्यावरण मित्रों की सहायता से कचरे को निस्तारण केंद्र में पहुँचाया गया।
एमआरएफ सेंटर, कांपेक्टर मशीन, ऑर्गेनिक वेस्ट कनवर्टर मशीन जैसी आधुनिक व्यवस्थाओं का उपयोग किया गया।
प्लास्टिक और अन्य कचरे के ब्लॉक बनाए गए और विपणन किया गया।
खाद्य अपशिष्ट से कंपोस्ट खाद तैयार कर बेचा गया।
इस प्रयास से कुल 133 टन सूखे कचरे के ब्लॉक और 97 टन गीले कचरे से कंपोस्ट खाद बेचकर आठ लाख 89 हजार 598 रुपये कमाए गए।

 

अन्य आय के स्रोत Badrinath Municipality

ईको-पर्यटक शुल्क: 1 करोड़ 14 लाख 97 हजार 56 रुपए
फास्ट टैग बैरियर: 92 लाख 60 हजार 796 रुपए
हेलीकॉप्टर संचालन शुल्क: 22 लाख 36 हजार 260 रुपए

धाम बंद होने पर डीप सेनेटाइजेशन

धाम के कपाट बंद होने के बाद नगर पंचायत ने डीप सेनेटाइजेशन अभियान चलाया, पर्यावरण मित्रों ने मंदिर परिसर, ब्रह्मकपाल, तप्त कुंड, बामणी पैदल मार्ग, मुख्य बाजार, साकेत चौराहा, बदरीश झील और शेषणेत्र झील के आसपास सफाई अभियान चलाया।नगर पंचायत बदरीनाथ का यह प्रयास न केवल आर्थिक रूप से सफल रहा, बल्कि धाम में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का एक आदर्श मॉडल भी प्रस्तुत किया।