Benefits Of Ear Piercing हमारे देश में हर जाति वर्ग और समाज में एक बात समान है और वो है कान बिंदवाते की परम्परा और संस्कार …. लगभग एक उम्र के बाद हर बच्चे खासतौर पर लड़कियों के कर्णभेद संस्कार यानी कान में पियर्सिंग जाती है। आमतौर पर लोगों को लगता है कि ऐसा सिर्फ फैशन या एक तरह के रिवाज को निभाने के लिए किया जाता है लेकिन but ऐसा नहीं है। कान पियर्सिंग के कुछ फायदे भी हैं , जिन्हे जानकर आप हैरान रह जायेंगे
ये फैशन में शामिल Benefits Of Ear Piercing

कान के लोब के ठीक बीच का हिस्सा शरीर का एक अहम प्वाइंट होता है। यह प्वाइंट प्रजनन अंगों की सेहत के लिए जिम्मेदार होता है। यह पुरुषों के प्रजनन अंगों को स्वस्थ रखता है और महिलाओं में मासिक चक्र को नियमित रखने में मदद करता है। कान के लोब में ऐसे प्वाइंट भी होते हैं जो ब्रेन के दाएं और बाएं हेमिस्फेयर से कनेक्ट होते हैं।
हालांकि although अब ये फैशन में शामिल हो गया है। भारत में कान छिदवाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। जब कान छिदवाए जाते हैं तो इसका दबाव ओसीडी पर पड़ता है, जिसके कारण घबराहट कम होती है और कई तरह की मानसिक बीमारियां भी दूर हो जाती हैं। पियर्सिंग करवाने ब्रेन की ये दोनों साइड एक्टिवेट हो जाती हैं। इसलिए बच्चे के आठ महीने के होने से पहले उसकी ईयर पियर्सिंग करवा देनी चाहिए क्योंकि because इस समय तक बच्चे के दिमाग का विकास हो रहा होता है।
आंखों की रोशनी बढ़ती है Benefits Of Ear Piercing
कान के केंद्रीय प्वाइंट में आंखों की रोशनी का केंद्र होता है इसलिए इस प्वाइंट पर छेइ करवाने से बच्चे की आंखों की रोशनी बढ़ती है और आपके कान भी स्वस्थ रहते हैं। हालांकि although एक्यूप्रेशर के अनुसार कान का हंगर प्वाइंट पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के लिए होता है। Benefits Of Ear Piercing यह प्वाइंट शरीर के पाचन तंत्र को नियंत्रित करता है और मोटापे को बढ़ने से रोकता है। यही वजह है कि हमारे देश के इस क्रिया को बाकायदा कर्णभेद संस्कार का नाम दिया गया है
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