BHU Herbal ghee नकली घी खाने की डर से अगर आप देसी घी से दूर भागते हैं तो ये खबर आपको ज़रूर पढ़नी चाहिए क्योंकि बाज़ार में नकली देशी घी की मौजूदगी और घरों में उसकी पहचान करना बेहद मुश्किल काम है लेकिन अब काशी हिंदू विश्वविद्यालय में हर्बल देसी घी तैयार किया गया है. विश्वविद्यालय के डेयरी साइंस एंड फूड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट और आईआईटी बीएचयू के वैज्ञानिकों ने रिसर्च के बाद इसे तैयार किया है. इस घी को तैयार करने में हल्दी को पीला रंग देने वाले करक्यूमिन एंटीऑक्सीडेंट का प्रयोग किया गया है. रिसर्च में दावा किया गया है कि इस हर्बल देसी घी के इस्तेमाल से मेमोरी क्षमता को बढ़ाया जा सकता है.
नकली घी से मिलेगा छुटकारा BHU Herbal ghee

खास बात ये भी है कि बीएचयू में हुए इस रिसर्च को नीदरलैंड के प्रतिष्ठित जर्नल ‘फूड एंड ह्यूमैनिटी’ ने पब्लिश किया है. बिहार के डॉ भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर डी सी राय और उनकी टीम ने यह रिसर्च किया है. प्रोफेसर डी सी राय ने बताया कि जब देसी घी में हल्दी को पीला रंग देने वाले करक्यूमिन एंटीऑक्सीडेंट का मिश्रण किया गया तो उसके एंटीऑक्सीडेंट गुण और भी पावरफुल हो गए जो शरीर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण होने वाले नुकसान से बचाता है.

लम्बे समय तक नहीं होगा खराब
बताते चलें कि ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण ही लोगों को मेमोरी लॉस की समस्या होती है. ऐसे में यह याददाश्त क्षमता को भी बढ़ता है. इसके अलावा हल्दी के करक्यूमिन एंटीऑक्सीडेंट इसे लम्बे समय तक खराब होने से भी बचाते हैं. इससे इस हर्बल घी के खराब होने की आशंका भी कम होती है. प्रोफेसर डी सी राय ने दावा किया है की यह हर्बल देसी घी इम्युनिटी बढ़ाने के साथ कई रोगों से लड़ने और बचाने में भी मदद करता है. बीएचयू में तैयार इस हर्बल घी को बनाने में डॉ सुनील मीणा, जयराम मीणा, अनिता राज, राजकुमारी दुलारी, बी कीर्ति रेड्डी और आईआईटी बीएचयू के प्रोफेसर भी शामिल हैं.