देहरादून से आशीष तिवारी की रिपोर्ट –
CM Dhami आपने पहाड़ों की दिलकश वादिओं और धार्मिक स्थलों की महिमा का गुणगान करते गीतों को देवभूमि के लोकप्रिय गीतकार और गायक भूपेंद्र बसेड़ा के सुर में खूब सुना ही है लेकिन अब आपको विश्व प्रसिद्ध चार धाम यात्रा पर बने गीतों पर भी झुमाने के लिए गायक Bhuependra Basera भूपेंद्र बसेड़ा के एक और शानदार गीत संग्रह को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने लांच किया है और शीतकालीन यात्रा पर आधारित गीत ‘देवभूमि आओ-उत्तराखण्ड आओ’ का पोस्टर विमोचन करते हुये गीत को यूट्यूब पर जारी किया।
सीएम ने भूपेंद्र बसेड़ा के गीतों की प्रासंगिकता बताई CM Dhami
मुख्यमंत्री ने इस गीत की सराहना करते हुए राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष से प्रारम्भ की गयी शीतकालीन यात्रा के प्रचार-प्रसार एवं उत्तराखंड की आध्यात्मिक और नैसर्गिक सुंदरता के परिप्रेक्ष्य में भी इस प्रयास को प्रासंगिक बताया।

मुख्यमंत्री ने तीर्थाटन एवं शीतकालीन यात्रा हेतु श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों से वर्ष भर उत्तराखण्ड आकर शीतकालीन प्रवास स्थलों में दर्शन करने की अपील करते हुए कहा कि इसके लिये राज्य सरकार द्वारा व्यापक व्यवस्था सुनिश्चित की गई हैं। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व चारधाम यात्रा ग्रीष्मकाल में ही संचालित होती थी, अब शीतकालीन प्रवास स्थलों पर भी दर्शन की व्यवस्था की गई है।उत्तराखंड सरकार में एक अहम पद पर अपनी ज़िम्मेदारी बखूबी सम्हालने के संवेदनशील सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता गीत लिखने और गाने वाले बसेड़ा उत्तराखंड की सबसे अहम पहचान चार धाम यात्रा की महिमा पर अब नए कलेक्शन को लेकर आये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शीतकालीन यात्रा राज्य की आर्थिकी को बढावा देने में भी मददगार होगी। उन्होंने कहा कि गीत अत्यन्त मधुर है तथा उत्तराखण्ड की नैसर्गिक सुंदरता, अध्यात्म एवं यहाँ के पवित्र धामों व मंदिरों से आम जनमानस को जोड़ते हुए उन्हें देवभूमि उत्तराखण्ड आने को भी यह प्रयास प्रेरित करेगा।इस गीत को गीतकार व गायक भूपेन्द्र बसेड़ा द्वारा तैयार किया गया है तथा नवोदित संगीतकार ललित गित्यार द्वारा संगीतबद्ध किया गया है। गीत के माध्यम से उत्तराखण्ड में प्रारम्भ की गयी शीतकालीन यात्रा के विशेष महत्व का उल्लेख करते हुये दर्शनार्थियों और पर्यटकों से देवभूमि उत्तराखण्ड आने तथा यहाँ के शीतकालीन प्रवासस्थलों- के दर्शन कर पुण्य अर्जित करने का अनुरोध किया गया है।
इस गीत में उत्तराखंड के अन्य तीर्थ स्थलों-यथा पंच केदार, पंचबद्री, पंचप्रयाग, आदि कैलाश, ओम पर्वत, जागेश्वर, बागेश्वर, पूर्णागिरी, ऋषिकेश व हरिद्वार जैसे धामों व तीर्थ स्थलों का उल्लेख करते हुए उत्तराखंड की नैसर्गिक सुंदरता से भरपूर कौसानी, मुक्तेश्वर, बिनसर, नैनीताल, मसूरी, चकराता व औली आदि स्थलों में आकर कुछ समय बिताने की अपील की गयी है। गीत के विमोचन के अवसर पर अपर सचिव पन्ना लाल शुक्ल, श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के सचिव श्री विजय थपलियाल आदि मौजूद थे।