देहरादून से अनीता आशीष तिवारी की रिपोर्ट –
CONGRESS ON UCC एक तरफ उत्तराखंड के सीएम धामी इंतज़ार कर रहे हैं कि ड्राफ्ट कमिटी का मसौदा उनकी मेज़ तक पहुंचे और राज्य सरकार यूसीसी पर अगला कदम बढाए। दूसरी तरफ देश भर की नज़र देवभूमि पर लगी है कि आखिर इस ड्राफ्ट में ऐसा क्या है जो ख़ास होगा। इसी बीच उत्तराखंड के कद्दावर लीडर और नेता विपक्ष यशपाल आर्य ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने सीधे सीधे भाजपा सरकार की मंशा पर ही सवाल खड़ा कर दिया है।
CONGRESS ON UCC सीएम धामी को है ड्राफ्ट का इंतज़ार

CONGRESS ON UCC नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि भारत के संविधान में आस्था रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए सवाल यह नहीं होना चाहिए कि समान नागरिक संहिता (यू सी सी) होनी चाहिए या नहीं । उन्होंने कहा कि असली सवाल तो यह है कि समान नागरिक संहिता कैसे कब और किस सिद्धांत के आधार पर लागू की जाए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि , अंबेडकर के अलावा नेहरू , लोहिया आदि द्वारा समान नागरिक संहिता को नीति निर्देशक तत्वों में रखने के पीछे मंशा यह थी कि , इन्हें लागू करना देश के लिए एक लक्ष्य होगा।
CONGRESS ON UCC नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि , पिछले सप्ताह से देश की जनता से समान नागरिक संहिता पर राय मांगी जा रही है। जबकि इससे पहले भी मोदी जी के नेतृत्व वाली भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा जस्टिस चौहान की अध्यक्षता में गठित विधि आयोग ने भी नवंबर 2016 में इसी मुद्दे पर जनता की राय मांगी थी।तब बिधि आयोग ने रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा था कि , अभी सभी समुदायों के अलग-अलग पारिवारिक कानून के बदले एक संहिता बनाना न तो जरूरी है और न ही वांछित
CONGRESS ON UCC नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि , पांच साल पहले भाजपा सरकार द्वारा गठित बिधि आयोग की इस रिपोर्ट के बाद भी 2023 में दोबारा इसी प्रक्रिया को दोहराने से सरकार की मंशा में कहीं न कहीं संदेह होता है कि पिछली रिपोर्ट भाजपा की राजनीति के लिए मुफीद नहीं थी। यशपाल आर्य ने कहा कि , भारत जनसंख्या की दृष्टि से दुनिया का सबसे बड़ा देश है जिसमें न केवल कई धर्मों और संप्रदायों के लोग निवास करते हैं बल्कि एक धर्म को मनाने वाले हर सम्प्रदाय के शादी , तलाक , उत्तराधिकार और पारिवारिक सम्पति के बंटवारे के परंपरागत तरीके भी अलग-अलग हैं।
CONGRESS ON UCC यशपाल आर्य ने कहा कि अभी भी देश में स्पेशल मैरिज एक्ट जैसा कानून है जिसके तहत किसी भी धर्म या सम्प्रदाय के जोड़े शादी रजिस्टर्ड कर सकते हैं। लेकिन इस कानून के तहत बहुत ही कम जोड़े अपने शादियों को रजिस्टर्ड करते हैं। वहीँ आज दिल्ली में ड्राफ्ट कमिटी ने मीडिया को बताया कि प्रिंटिंग के तुरंत बाद ये ड्राफ्ट सरकार को सौंपा जायेगा। वहीँ सीएम धामी ने भी इनको देवभूमि का सौभाग्य बताते हुए जल्द अगले कदम का इशारा दे दिया है।
CONGRESS ON UCC नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि, समान नागरिक संहिता के सवाल पर एक नया बखेड़ा शुरू करने की बजाय बेहतर होगा अगर मोदी सरकार अपने ही द्वारा नियुक्त किए पिछले विधि आयोग की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए सभी समुदायों के पारिवारिक कानूनों में तर्कसंगत और संविधान सम्मत बदलाव करने की शुरूआत करे।
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