Court bans Tiger safari एक तरफ लोकसभा चुनाव , दूसरी तरफ उत्तराखंड के दिग्गज नेता को कोर्ट की फटकार , इसमें कोई दो राय नहीं कि अफसर और नेता की जुगलबंदी जब नियम कानून को दरकिनार करती है तो वहां अपराध और निजी फायदे पनपते हैं कुछ ऐसा ही दिख रहा है पहाड़ के जंगलों में … आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में टाइगर सफारी पर बैन लगा दिया। इस आदेश के बाद, अब केवल जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के परिधीय और बफर जोन में बाघ सफारी की अनुमति दी जाएगी। लेकिन और क्या कहा है वो भी पढ़ लीजिये
पूर्व वन मंत्री को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार Court bans Tiger safari

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि राष्ट्रीय वन्यजीव संरक्षण योजना के तहत यह स्पष्ट हो गया है कि संरक्षित क्षेत्रों से आगे बढ़कर वाइल्डलाइफ संरक्षण के बारे में सोचना होगा। शीर्ष अदालत ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण और पेड़ काटने को लेकर उत्तराखंड के पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत और तत्कालीन वन अधिकारी किशन चंद को फटकार लगाई। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, ‘अफसरों और नेताओं ने मिलकर जनता के भरोसे को कूड़ेदान में डाल दिया है।’
सर्वोच्च न्यायालय ने महाभारत का उदाहरण देते हुए कहा, ‘बाघों के बिना जंगल खत्म हो गए और अब जंगलों को सभी टाइगर्स को बचाना चाहिए।’ अदालत ने यह भी कहा कि हम टाइगर सफारी की इजाजत दे रहे हैं, लेकिन यह सब हमारे निर्देशों के मुताबिक रहेगा। इस मामले में यह स्पष्ट है कि वन मंत्री ने खुद को कानून से ऊपर समझा और यह दिखाता है कि कैसे मिस्टर किशन चंद ने जनता के भरोसे को हवा में उड़ा दिया। यह सब दिखाता है कि कैसे अफसर और नेता मिलकर कानून को अपने हाथों में लेते हैं।
अब तक ये हुयी कार्यवाही
बीते दिनों दिल्ली, उत्तराखंड और चंडीगढ़ में ED ने कथित तौर पर वन घोटाले के मामले में 17 जगहों पर छापेमारी की थी। हरक सिंह रावत का नाम इस घोटाले से जुड़ा है। इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि रावत के डिफेंस कॉलोनी के अपने निवास और देहरादून के मेडिकल कॉलेज में भी छापेमारी हुई थी। 2019 में कॉर्बेट नेशनल पार्क के पाखरो टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण, वित्तीय अनियमितताओं और हजारों पेड़ों के काटने के मामले में रावत के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। रावत जब बीजेपी सरकार में वन मंत्री थे, तब पाखरो टाइगर रिजर्व उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था। 2022 में उत्तराखंड विधानसभा चुनावों से ठीक पहले वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे।