Dehati Madam कौशांबी के सिराथू तहसील के एक छोटे से गांव धुमाई की रहने वाली यशोदा देवी एक सामान्य ग्रामीण महिला है। वह ग्रामीण परिवेश में साड़ी पहनना एवम खेती बाड़ी का काम कर अपना जीवन यापन करती है। यशोदा का बचपन बेहद संघर्ष भरा रहा, इस कारण वह महज इंटर तक पढ़ाई कर सकी। कम उम्र में शादी के बाद भी दुर्भाग्य ने पीछा नहीं छोड़ा। यशोदा के मुताबिक, जब वह छोटी थीं तो उनके माता-पिता ने उन्हें एक रिश्तेदार को सौंप दिया था।
12वीं तक की उनकी स्कूली शिक्षा भी काफी अनियमित रही। इसके बाद एक दिहाड़ी मजदूर से उनकी शादी करा दी गई। उनके पति बाद में एक हादसे का शिकार हो गए। इससे उनकी काम करने की क्षमता पर असर पड़ा। घर की आमदनी सीमित थी। बीमार पति को इलाज की जरूरत थी इसलिए बैंक कर्ज का बोझ सिर पर खड़ा हो गया। विपरीत हालात में भी यशोदा ने अपने हिम्मत और मेहनत के बल पर सफलता की कभी ना मिटने वाली अमिट छाप समाज मे छोड़ी है।
यशोदा खुद का youtube चैनल चलती है Dehati Madam
धुमाई गांव के कच्चे मकान में रहने वाली यशोदा खुद का youtube चैनल चलती है। इस पर वह ENGLISH LEARNING मटेरियल अपनी खुद की वीडियो बना कर प्रसारित करती है। जो सोशल मीडिया मे खूब पसंद किया जा रहा है। ENHLISH WITH देहाती मैडम के नाम वाले इस चैनल के मौजूद समय मे 2.9 लाख से अधिक सब्सक्राइबर है। यशोदा अब तक इंगलिश की बोलना सीखने वाले 373 वीडियो अपने चैनल पर डाल चुकी है। साल 2022, मई में यशोदा ने अपने चैनल की शुरुआत की थी। जिससे उन्हें यूट्यूब अब 25 हजार रुपए महीने की आमदनी कराता है। यशोदा के मुताबिक, शहर की तुलना में यह रकम भले ही लोगों को कम लगे लेकिन ग्रामीण इलाके में खास कर उनकी जरूरत के लिए बेहद संतोष देने वाली धनराशि है।ये वीडियो English with Dehati Madam से लिया गया है। https://www.youtube.com/watch?v=8SNQIEJpGK4
यशोदा को ब्रांडिंग की बहुत अच्छी समझ है। अपनी सामाजिक स्थिति को स्वीकार करते हुए उन्होंने इसे अपनी ब्रांडिंग का सबसे सशक्त जरिया बना लिया। देहाती मैडम को इंग्लिश स्पीकिंग की शैक्षणिक बुनियादी बातों की गहरी समझ है। अपने एक वीडियो ‘हाउ टू थिंक इन इंग्लिश’ में यशोदा बताती हैं कि कई लोगों के लिए समस्या ये है कि वे अंग्रेजी बोलने से पहले अंग्रेजी में सोचते नहीं हैं। अनुवाद के चक्कर में इंग्लिश की फ्लुएंसी खो जाती है। यशोदा के मुताबिक, पहले उन्होंने ‘अंग्रेजी में सोचने’ की कला में महारत हासिल की। वह अपने ‘छात्रों’ से कहती हैं, ‘आपको किताबें पढ़ने की आदत विकसित करनी चाहिए। यह अंग्रेजी में ‘फ्लुएंसी’ के लिए महत्वपूर्ण है। इस वीडियो के बाद मुझे 100% यकीन है कि पढ़ने के प्रति आपका रुझान काफी हद तक बढ़ जाएगा।
चावल मत खाना , बहुत पड़ेगा पछताना https://shininguttarakhandnews.com/rice-at-night/