देहरादून से आशीष तिवारी की रिपोर्ट –
Dehradun DM जिलाधिकारी सविन बंसल ने जबसे स्मार्ट सिटी की कुर्सी सम्हाली है पांचवें गेयर में पारी खेल रहे हैं। रोजाना सुर्खियां हर दिन धाकड़ निर्देश और फील्ड में फुल एक्शन मोड तभी तो जनता भी रोजाना बड़ी संख्या में उनके सामने फरियादें लेकर पहुँच रही है। आए दिन उनके कार्यालय में बच्चों, बुजुर्ग, महिला, निर्बल, असहाय, एवं दिव्यांग फरियादियों की कतार रहती है। जन समस्याओं का निरंतर समाधान का गंभीर प्रयासों से डीएम सविन बसंल ने आज अपनी छवि ख़ास बना ली है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि डीएम दफ्तर में पहुंची दिव्यांग शिक्षित महिला गुरिंदर को नियुक्ति पत्र, असहाय जरूरतमंद अनाथ बहन-भाई अदिति-आदित्य का 50 हजार डीएम आफिस जमा कराया, एकल विधवा महिला शमीमा को 3 हजार का आर्थिक सहायता चैक दिया गया। नौकरी को भटक रही कम्प्यूटर स्पेशलिस्ट दिव्यांग गुरिंदर को मिली मदद, कम्प्यूटर प्रोग्रामर की की मिली नौकरी ये तो चंद उदाहरण हैं।
किसी को दी नौकरी तो किसी का किया कर्ज भुगतान Dehradun DM
डीएम बंसल से नौकरी के लिए भटक रही पढी लिखी बीसीए डिग्रीधारी दिव्यांग महिला गरिंदर ने डीएम से अपनी व्यथा सुनाते हुए बताया कि वे कई संस्थानों में नौकरी के लिए साक्षात्कार दे चुकी हैं किन्तु सबकुछ ठीक होने के उपरान्त भी उनकी शारीरिक कमजोरी/दिव्यंगता को देखते हुए उसे नौकरी नही मिल पा रही हैं जबकि कम्प्यूटर ज्ञान सहित शिक्षा के अन्य क्षेत्र में पारंगत है जिस पर डीएम ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देशित किया था कि आवेदिका को योग्यता के अनुसार किसी भी तरह, किसी भी योजना के तहत् एक सप्ताह अन्तर्गत अवसर प्रदत्त कर सयोजित किया जाए। अब गुरिंदर को एक संस्था आसरा में डेटा प्रोग्रामर की नौकरी मिल गई है।
वहीँ माता-पिता की मृत्यु उपरान्त किस्त भरने में असमर्थ बहन-भाई अदिति व आदित्य का 50 हजार ऋण डीएम आफिस से जमा किया। अनाथ बहन-भाई अदिति व आदित्य जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो गई है तथा अपने छोटे भाई के साथ रहती हैं, उनके पिता अदिति के नाम से एचडीएफसी फाइनेंस से ऋण लिया था, पिता की मृत्यु उपरान्त वे शेष किस्त जमा करने में असमर्थ थी, फाईनेंस रिकवरी वाले आए दिन उनको किस्त जमा करने के लिए परेशान कर रहे थे, जन दिवस कार्यक्रम में प्रकरण संज्ञान में आते ही जिलाधिकारी ने उनका ऋण को रायफल फंड से भुगतान के निर्देश दिए, जिसके क्रम में आज अदिति को 50 हजार धनराशि चैक रायफल फंड से दिया गया है।
वहीं एकल विधवा महिला समीमा जिनके तीन बच्चे हैं वे सिलाई, कढाई आदि कार्य कर जीवन यापन कर ही ने डीएम से आर्थिक सहायता की गुहार लगाई जिस पर डीएम ने प्रभारी अधिकारी कलेक्टेट आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। औपचारिकताएं पूर्ण करने के उपरान्त महिला को आर्थिक सहायत राशि चैक प्रदान किया गया। आज समाज में ऐसे ही अधिकारीयों की सख्त ज़रूरत है जो केवल दफ्तरों में बैठकर आदेश ज़ारी न करें बल्कि जनता के साथ मिलबैठ कर उनका दुःख दर्द समझे और उसका समय से निदान करें जैसा देहरादून डीएम सविन बंसल फिलहाल करते दिख रहे हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि जनता की फरियादों पर संवेदनशीलता दिखाने के लिए इस तरह के और भी अफसर सामने आएंगे जिससे उत्तराखंड वास्तव में सर्वोत्तम राज्य की ओर बढ़ सके।