देहरादून से अनीता आशीष तिवारी की रिपोर्ट –
dgp uttarakhand I-Got प्लेटफार्म पर मिशन कर्मयोगी के तहत आधुनिक युग की आवश्यकताओं के मद्देनजर पुलिस बल को प्रशिक्षण देने के लिए अपर पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में तीन शिक्षाविभाग से जुड़े सदस्यों की एक टीम गठित की गयी, जिसे एटीआई नैनीताल के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है। टीम द्वारा एक सप्ताह के प्रशिक्षण उपरान्त जनपद टिहरी के नरेन्द्र नगर स्थित पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र सहित विभिन्न जनपदों का भ्रमण किया गया तथा प्रशिक्षण की आवश्यकता के सम्बन्ध में गहन अध्ययन किया गया तथा अपनी 10 संस्तुतियॉ दी गयीं। इसी कड़ी में डीजीपी अभिनव कुमार की पहल पर राज्य पुलिस बल को मॉडर्न पुलिसिंग एक्सपर्ट बनाने के लिए Training Need Analysis विषय पर एक प्रस्तुतीकरण पुलिस मुख्यालय में दी गयी जिसको उत्तराखंड पुलिस के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
डीजीपी अभिनव कुमार की पहल dgp uttarakhand

इस दौरान पुलिस प्रशिक्षकों के लिए 5 दिवसीय प्रशिक्षण उत्तराखंड प्रशासनिक अकादमी नैनीताल में कराने सहित आधुनिक चुनौतियों, जैसे साइबर क्राइम, फोरेंसिक साइंस, ड्रोन टेक्नोलॉजी, क्रिप्टो करेंसी जैसे विषय आपदा प्रबंधन, सॉफ्ट स्किल, व्यक्तित्व विकास, वीवीआईपी सुरक्षा, महिला अपराध, ई-टेण्डर, चैट-जीबीटी,सर्विलांस, साम्प्रदायिक, सामाजिक उपद्रवों, टूरिस्ट पुलिस जैसे विषयों में और गहन प्रशिक्षण की आवश्यकता बताई गयी है।
पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने बताया कि इनमें से कई विषयों में प्रशिक्षण वर्तमान प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का हिस्सा पूर्व से हैं तथा इनमें वर्तमान में प्रशिक्षण विभिन्न स्तरों पर दिया जा रहा है तथा सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि इनमें से देख लिया जाये कि वर्तमान में किन-किन विषयों पर पूर्व से ही प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है एवं कब उनका अपडेशन हुआ है तथा शेष की अलग से सूची तैयार कर ली जाय एवं उस पर विचार किया जाये। प्रशिक्षकों, इन-सर्विस व नयी भर्ती हेतु अलग-अलग पाठ्यक्रम तैयार किये जायें।
यह तथ्य संज्ञान में लाया गया कि कई कर्मी कानून व्यवस्था ड्यूटी पर होने के कारण आयोजित प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में शामिल नहीं हो पाते हैं तथा नयी तकनीक से वंचित रह जाते हैं। इस लिए अब निर्देशित किया गया है कि सभी जनपदों से कानून व्यवस्था ड्यूटी एवं अवकाश पर गये व्यक्तियों का डाटा प्राप्त कर उसके अनुरूप प्रशिक्षण कलैण्डर तैयार कराया जाये एवं इसमें महत्वपूर्ण तिथियों जिनमें कानून व्यवस्था से सम्बन्धित समस्या होती है की अवधि को अलग किया जाये। साथ ही प्रमोशन को प्रशिक्षण से जोड़ा जाये।
पुलिस महानिदेशक ने यह भी निर्देश दिये कि उप निरीक्षक स्तर पर मूल योग्यता स्नातक है, अतः प्रमोशन से उ0नि0 पद प्राप्त करने वाले कर्मियों हेतु एक निश्चित समयावधि निर्धारित करने पर भी विचार कर लिया जाये जिसमें वह मुक्त विश्वविद्यालय अथवा ऑनलाइन आदि जैसे माध्यमों से स्नातक डिग्री प्राप्त कर सके। इस हेतु यदि नियमावली में आवश्यक परिवर्तन किया जाना हो तो वह भी किया जा सकता है। इस हेतु निकटवर्ती तीनों राज्यों के मानकों का अध्ययन कर लिया जाये एवं एक तुलनात्मक चार्ट भी तैयार कर लिया जाये।
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