देहरादून से अनीता आशीष तिवारी की रिपोर्ट –
Dhami Government News जब सरकार की मंशा , मुख्यमंत्री का विजन और कार्यशैली में अनुभव शामिल हो जाये तो जनता के हितों पर कार्य करना कैसे आसान हो जाता है ये उत्तराखंड के सीनियर ब्यूरोक्रेट और मौजूदा स्वास्थ्य सचिव डॉ आर. राजेश कुमार से सीखा जा सकता है। जिस हेल्थ सेक्टर को पहले बीमारू और लाचार विभाग कहा जाता था आज उसकी न सिर्फ तस्वीर बदल रही है बल्कि लोगों को सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार का लाभ भी मिलता नज़र आ रहा है। ये सम्भव हो रहा है हेल्थ सेक्रटरी डॉ आर. राजेश कुमार की फील्ड में खुद एक्टिव रहते हुए पैनी नज़र और मॉनिटरिंग…
अवैध नशा मुक्ति केंद्रों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई – सचिव स्वास्थ्य Dhami Government News

ये भी सच है कि नशा तस्करी को रोकने और नशे के तंत्र को ध्वस्त करने के लिए धामी सरकार गंभीरता से प्रयास कर रही है। अब इसी कड़ी में जैसे ही प्रदेश में अवैध तौर पर संचालित किये जा रहे नशा मुक्ति केंद्रों पर सरकार की नजर टेढ़ी होने लगी ठीक उसी समय स्वास्थ्य विभाग ने सभी नशामुक्ति केंद्रों का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। हेल्थ सचिव डॉ आर. राजेश कुमार ने अवैध संचालकों को चेतावनी दी है कि यदि उन्होंने पंजीकरण नहीं कराया तो उनके केंद्रों पर एक्ट के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राज्य के कामयाब स्वास्थ्य सचिव साबित हो रहे डॉ आर राजेश कुमार कहते हैं कि प्रदेश को 2025 तक नशा मुक्त करना है। राज्य में जहां एक ओर आमजन और विशेषकर युवाओं में नशे के विरुद्ध जागरूकता लाई जा रही है, वहीं नशा तस्करी से जुड़े अपराधियों पर कड़ी करवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों में नशा ग्रस्त व्यक्तियों को मुख्यधारा से जोड़ने व पुनर्वास के लिए प्रदेश के समस्त जनपदों में नशा मुक्ति केंद्रों को प्रभावी बनाया जा रहा है। गैर पंजीकृत नशा मुक्ति केंद्रों पर नियंत्रण के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है कि जिन केंद्रों का पंजीकरण नहीं कराया जाएगा उनके केंद्रों पर एक्ट के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार के अनुसार नशामुक्ति केन्द्रों एवं मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों के संचालन के लिए कोई मानक नही होने के कारण कई बार अखबारों एवं टेली मीडिया द्वारा कई संस्थानों में अनियमितताओं एवं दुर्व्यवहार की सूचना समय-समय पर आ रही थी। इस कारण सरकार ने इन संस्थानों के लिए नियम-विनियम बनाकर राज्य में प्रख्यापित कर दिये हैं, ताकि सभी मानसिक स्वास्थ्य संस्थान, नषामुक्ति केन्द्र व ऐसे पुनर्वास केन्द्र जहां मानसिक रोग से ग्रस्त व्यक्ति रखे जाते हैं, उन नियम के अनुरूप क्रियान्वित हो एवं सभी को राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण में पंजीकृत होना अनिवार्य है। सभी पंजीकृत संस्थानों का समय-समय पर अंकेक्षण एवं निरीक्षण भी कराया जायेगा एवं पंजीकृत करने की अंतिम तारीख 14 दिसम्बर है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया नशामुक्त उत्तराखंड अभियान को अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रदेश सरकार लगातार बेहतर सेवाएं और इलाज की व्यवस्था कर रही है। नशामुक्ति के लिए टेली-काउंसिलिंग की सुविधा भी दी जा रही है। टेली-मानस के तहत चौबीस मानसिक स्वास्थ्य सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। जिसका टोल-फ्री नं0-14416 एवं 18008914416 है।
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