Digital Arrest Scam देश में अपराधियों का क्राइम करने का तरीका समय के साथ हाईटेक हो चुका है लेकिन ऐसे मामलों में आपकी जानकारी , समझदारी और तुरंत शिकायत ही आपको नुक्सान से बचा सकती है वरना आपके संग भी वैसा ही हो सकता है जैसा बेंगलुरु शहर में बबिता के साथ हुआ है। हर शहर की तरह यहाँ भी दिन-ब-दिन बढ़ते साइबर क्राइम का एक और भयानक उदाहरण सामने आया है। “डिजिटल अरेस्ट” नाम की नई धमकी वाली तकनीक का इस्तेमाल कर साइबर ठगों ने एक पढ़ी-लिखी महिला टेकी को डरा दिया। इस डर से महिला ने अपना फ्लैट और साइट्स बेचकर करीब 2 करोड़ रुपये गंवा दिए। यह मामला व्हाइटफील्ड सीईएन (साइबर क्राइम) पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है। इस घटना के बाद यह एक बार फिर साफ हो गया है कि
पढ़े-लिखे लोग साइबर ठगों का निशाना Digital Arrest Scam

साइबर ठगों के जाल में फंसी महिला की पहचान बबिता दास के रूप में हुई है। वह बेंगलुरु के विज्ञान नगर, न्यू थिप्पसंद्रा की रहने वाली हैं। बबिता दास आईटी कंपनी में काम करती हैं और अपने 10 साल के बेटे के साथ रहती थीं। कुछ महीने पहले, ठगों ने उन्हें ब्लू डार्ट कूरियर कंपनी का कर्मचारी बनकर फोन किया। फोन करने वालों ने खुद को मुंबई पुलिस बताया और फिर उन्हें धमकाना शुरू कर दिया। उन्होंने धमकी दी, “हम आपको अभी गिरफ्तार कर रहे हैं। जब तक हम आपको वेरिफाई नहीं कर लेते, आप कहीं नहीं जा सकतीं। आपको हमारे बताए गए ऐप को इंस्टॉल करना होगा और हमारे खाते में पैसे डालने होंगे।” इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी डराया कि अगर उन्होंने वैसा नहीं किया तो उनके बेटे की जिंदगी में मुश्किलें आ सकती हैं।

सारी संपत्ति बेच दी
मुंबई पुलिस समझकर साइबर ठगों की धमकियों से डरी बबिता दास ने गिरफ्तारी के डर से अपनी संपत्ति बेचकर ठगों के अकाउंट में पैसे डाल दिए। उन्होंने मालूर में अपनी दो साइट्स आधी कीमत पर बेच दीं। विज्ञान नगर में जिस फ्लैट में वह रहती थीं, उसे भी बेच दिया और उससे मिले पैसे ठगों के अकाउंट में जमा कर दिए। इतना ही नहीं, उन्होंने आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक से लोन लेकर भी ठगों को पैसे ट्रांसफर किए। इस तरह बबिता दास ने धीरे-धीरे 2 करोड़ रुपये गंवा दिए। बाद में जब उन्हें ठगी का एहसास हुआ, तो उन्होंने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। व्हाइटफील्ड सीईएन पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस आरोपियों को पकड़ने के लिए जाल बिछा रही है।

तुरंत 1930 पर कॉल करें
इस मामले पर व्हाइटफील्ड के डीसीपी परशुराम ने बयान दिया है कि, “डिजिटल अरेस्ट” की धमकी देकर पैसे वसूले गए हैं। घटना के संबंध में मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। कोई भी डिजिटल अरेस्ट से न डरे। बेंगलुरु में ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। कोई भी पुलिस किसी को कमरे में बंद करके गिरफ्तार नहीं करती है और न ही वीडियो कॉल पर गिरफ्तारी की बात कहती है। ऐसी बातों पर ध्यान न दें। अगर कोई इस तरह से फोन करे, तो तुरंत 1930 पर कॉल करें। ऐसे मामलों से सावधान रहें। खबर मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है , हम इसके तथ्यों की पुष्टि नहीं करते हैं।

