Disaster Relief Dharali ” मलबे के अंदर उम्मीद ले रही साँसे “

Disaster Relief Dharali उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में आई भीषण आपदा को 11 दिन बीत चुके हैं लेकिन राहत और बचाव कार्य निरंतर जारी हैं, 5 अगस्त को खीरगंगा के तट पर आए पानी और मलबे ने पूरे गांव को तहस-नहस कर दिया था, आठ से दस फीट गहराई तक होटल, घर और लोग दब गए थे, लापता लोगों की तलाश में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अन्य दल लगातार जुटे हैं, एनडीआरएफ टीम मलबे में दबे लोगों को खोजने के लिए ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार का इस्तेमाल कर रही है।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर धराली के समेश्वर देवता मंदिर प्रांगण में ध्वजारोहण कार्यक्रम हुआ, इस मौके पर एसडीआरएफ के आईजी अरुण मोहन जोशी ने तिरंगा फहराकर प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया, आपदा में मृत लोगों को श्रद्धांजलि दी गई और उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया, ग्रामीणों ने इस अवसर को नई शुरुआत और हिम्मत का प्रतीक माना।

वहीं, हर्षिल क्षेत्र में आपदा के बाद बनी करीब डेढ़ किमी लंबी अस्थायी झील प्रशासन के लिए नई चुनौती है, तेलगाड में आए मलबे से बनी इस झील में भागीरथी नदी की गाद लगातार जमा हो रही है, जिससे यह अब दलदल का रूप ले चुकी है, भारी मशीनें यहां काम नहीं कर पा रही हैं, इसलिए स्थानीय मजदूर और साधन लगाकर मैनुअल सफाई की जा रही है।

जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने स्थलीय निरीक्षण कर बताया कि फिलहाल झील से पानी का प्रवाह सामान्य है और तत्काल कोई खतरा नहीं है लेकिन मलबा हटाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी रहेगा, उन्होंने अधिकारियों को सतर्क निगरानी और समय-समय पर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। धराली और हर्षिल के लोग इस कठिन समय में प्रशासन और बचाव दलों के सहयोग से धीरे-धीरे सामान्य जीवन की ओर बढ़ रहे हैं, स्वतंत्रता दिवस का यह आयोजन आपदा के बीच उम्मीद, एकजुटता और साहस का प्रतीक बन गया।

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व की तारीफ की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से प्रदान की जा रही हरसंभव सहायता के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने आपदा प्रबंधन में किए गए कार्यों का डॉक्यूमेंटेशन और विश्लेषण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, ताकि भविष्य में रोडमैप तैयार हो सके। राज्यपाल ने आईआईटी रुड़की की वैज्ञानिक टीमों से वर्चुअल संवाद किया, हर्षिल में बनी झील से जल निकासी, धराली-मुखबा पुल की स्थिति और सुरक्षा सहित अन्य अभियानों की प्रगति की जानकारी ली। सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने क्षति का आकलन और अब तक की गई कार्रवाई से अवगत कराया।