DM Dehradun भीख नहीं नन्हे हांथों को कलम दीजिये – सविन बंसल , डीएम

देहरादून से आशीष तिवारी की रिपोर्ट —

DM Dehradun  शिक्षा से बड़ा कोई दान नहीं है और बच्चों को सही राह दिखाने से बड़ा पुण्य नहीं है। अपनी सुपरहिट इनिंग में अनगिनत लोगों के आंसू पोछने वाले , नाउम्मीदों की उम्मीद बनने वाले और रोजाना किसी न किसी के लिए मसीहा बनने वाले आईएएस सविन बंसल डीएम ही नहीं लोगों के लिए अब राहत की गारंटी बन चुके हैं।

DM Dehradun

हम ऐसा क्यों कह रहे हैं ? ये कोई लागलपेट वाली बाते नहीं बल्कि फरियादियों के मुस्कुराते चेहरों की भाषा है जो हम देहरादून कलेक्ट्रेट में अक्सर देखते हैं। आज बात उन मासूम बच्चों की करते हैं जो अब भिक्षा और बाल मजदूरी नहीं बल्कि किताब और कलम से अपने भविष्य में रंग भर रहे हैं।

 

डीएम के भागीरथ प्रयास से सूखे बचपन को मिली ज्ञानगंगा DM Dehradun

जिलाधिकारी सविन बसंल के नेतृत्व में जिला प्रशासन के अभिनव प्रयासों से भिक्षावृति एवं बाल मजदूरी उन्मूलन अभियान के तहत स्मार्ट सिटी में भिक्षावृत्ति में संलिप्त बच्चों को रेस्क्यू कर बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए माइक्रो प्लान के तहत साधु राम इंटर कॉलेज में आधुनिक इनेसेटिव केयर सेन्टर आधुनिक शिक्षा प्रणाली व अन्य क्रियात्मक गतिविधि से शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है। अब 57 बच्चों को माइंड रिफार्म कर शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ते हुए स्कूलों में दाखिला दिया गया है। वर्तमान में आधुनिक इंटेसिव केयर सेंटर में लगभग 50 बच्चों को विेशेषज्ञ शिक्षकों द्वारा शिक्षा की मुख्यधारा में जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।

भिक्षा और मजदूरी से मुक्त 57 बच्चों की बदली किस्मत

आधुनिक इनेसेटिव केयर सेंटर से 57 बच्चों, शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़ते हुए स्कूल में मिला दाखिला दिला दिया गया है। इस सेन्टर में भविष्य बदलने की ओर अग्रसर है, जहां कम्प्यूूटर, संगीत, योगा, गेम्स, प्राजेक्टर से बच्चे शिक्षा में विलीन हो रहे हैं तथा एक्टिविटी बेस्ट लर्निंग से बच्चों में सीख रहे है। सितम्बर से अब तक 300 से अधिक बच्चों को भिक्षावृत्ति एवं बालश्रम से रेस्क्यू किया जा चुका है।

कूड़े, कटौरे से कलम की ओर लौटा बचपन

जिलाधिकारी ने बाल भिक्षावृत्ति व बाल मजदूरी रोकना हमारी सिर्फ अधिकारिक नही कुछ नैतिक जिम्मेदारी भी है जिले को हरहाल में भिक्षावृत्ति, बालश्रम मुक्त करना है जिसके लिए जिला प्रशासन का निरंतर प्रयास जारी है। जिले में देखते ही देखते राजधानी में राज्य का पहला आधुनिक सुविधाओं से लेस इंटेसिव केयर सेंटर तैयार, जिसमें माइक्रो प्लान के तहत् बच्चों को विशेषज्ञ शिक्षकों द्वारा शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का पुनीत कार्य किया जा रहा है। डीएम कहते हैं कि भिक्षावृत्ति, बालश्रम से रेस्क्यू बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना ही प्रशासन का लक्ष्य है ताकि हमारी युवा पीढ़ी हमारे प्रयासों पर फक्र कर सके।

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