DSP Manisha Ropeta पाकिस्तान एक मुस्लिम बहुल देश है। यहां हिंदू अल्पसंख्यक हैं। आए दिन हम हिंदुओं पर अत्याचार की खबरें सुनते हैं, लेकिन इस बार एक महिला ने सभी हिंदुओं को गौरवान्वित करने का काम किया है। हम बात कर रहे हैं मनीषा रोपेटा की, जो देश की पहली महिला DSP बनी हैं। मनीषा रोपेटा पहली हिंदू महिला हैं, जिन्हें 26 साल की उम्र में सिंध में पुलिस उपाधीक्षक यानी डीएसपी के पद पर नियुक्त किया गया है। उन्हें 2022 में सिंध प्रांत में डीएसपी बनाया गया था।
DSP बनने के बाद रोपेटा ने क्या कहा ? DSP Manisha Ropeta

मनीषा ने डीएसपी बनने के बाद कहा कि बचपन में मैंने और मेरी बहनों ने पितृसत्ता की वही पुरानी व्यवस्था देखी है, जहां लड़कियों से कहा जाता था कि अगर वे पढ़ना और काम करना चाहती हैं तो केवल टीचर या डॉक्टर बनें। मेरा मकसद इस धारणा को खत्म करना है कि लड़कियां पुलिस या कोर्ट में नौकरी नहीं कर सकती हैं और उन्हें यह सपना नहीं देखना चाहिए। पाकिस्तान की पहली महिला हिंदू डीएसपी मनीषा सिंध के जैकोबाबाद के एक मध्यमवर्गीय परिवार से आती हैं। उनके पिता एक व्यापारी थे। उनकी मौत के बाद उनकी मां बच्चों को लेकर कराची आ गईं। मनीषा के एक भाई और तीन बहनें हैं। सभी मेडिकल फील्ड से जुड़े हुए हैं।
पहले डॉक्टर बनना चाहती थीं मनीषा
मनीषा भी डॉक्टर बनना चाहती थीं, लेकिन एमबीबीएस एंट्रेंस एग्जाम में वह सिर्फ एक अंक से फेल हो गईं। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और फिजिकल थेरेपी में डिग्री हासिल की। इसके साथ ही, उन्होंने सिंध लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के लिए भी तैयारी की। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और वह 468 उम्मीदवारों में 16वां स्थान लाने में कामयाब रहीं। मनीषा ने कहा कि हमारे समाज में महिलाएं सबसे अधिक प्रताड़ित हैं। वे कई अपराधों का निशाना बनती हैं। मैं पुलिस में इसलिए शामिल हुई, क्योंकि मुझे लगता है कि हमें अपने समाज में ‘रक्षक’ महिलाओं की काफी जरूरत है।
दिल दहलाने वाली मौत , पढ़ाते पढ़ाते प्रोफेसर की हार्ट अटैक से मौत https://shininguttarakhandnews.com/iit-scientist-died/