Dushera in Dehradun देहरादून में अनोखा रावण !

Dushera in Dehradun देहरादून में दशहरा 2025 की तैयारियां पूरे जोर-शोर से शुरू हो चुकी हैं। बाजारों में नवरात्र और दशहरे की रौनक दिखने लगी है। कारीगर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतलों को आकार देने में जुटे हुए हैं। इस बार रावण का पुतला खास आकर्षण का केंद्र रहेगा क्योंकि इसे विशेष वेशभूषा में सजाया जा रहा है, जो कारीगरों ने सूरत से मंगवाई है।

Dushera in Dehradun

पटेलनगर क्षेत्र में पिछले 25 वर्षों से कारीगर शालू और उनकी टीम यह जिम्मेदारी निभा रहे हैं। शालू ने बताया कि इस बार 25 फीट से लेकर 60 फीट तक के पुतले तैयार किए जा रहे हैं। इनकी लागत 25 हजार रुपये से शुरू होकर एक लाख रुपये तक पहुंच सकती है। पुतलों को टिकाऊ और आकर्षक बनाने के लिए रंग, कपड़े और सजावटी सामग्री का उपयोग किया जा रहा है।

इस बार पुतले बनाने में असम से मंगाए गए बांस का प्रयोग हो रहा है। शालू का कहना है कि बांस की कीमत में करीब 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, लेकिन गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं किया गया। पुतलों की मजबूत संरचना और भव्य सजावट ही इन्हें खास बनाती है।कारीगरों का मानना है कि रावण का पुतला बनाना केवल कला का काम नहीं, बल्कि दशहरे की परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है। विजयदशमी के दिन इन विशाल पुतलों को जलाकर बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक मनाया जाता है। इस परंपरा को देखने के लिए हर साल बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं और पुतलों की भव्यता का आनंद उठाते हैं।

स्थानीय व्यापारी, सहयोगी कारीगर और युवा भी इस कार्य में अपना योगदान दे रहे हैं ताकि इस बार दशहरा और भी खास हो। प्रशासन ने भी सुरक्षा और आयोजन से जुड़ी व्यवस्थाओं को पुख्ता करने की शुरुआत कर दी है, ताकि त्योहार शांति और उत्साह के साथ संपन्न हो सके।देहरादून के लिए इस बार का दशहरा इसलिए भी खास होगा क्योंकि रावण की अनोखी वेशभूषा और आकर्षक सजावट लोगों के आकर्षण का केंद्र बनने वाली है। कारीगरों की मेहनत और समर्पण से तैयार ये पुतले न सिर्फ त्योहार की शोभा बढ़ाएंगे, बल्कि शहरवासियों की उत्सुकता भी चरम पर पहुंचाएंगे।