Ganesh Godiyal कांग्रेस का श्री करेंगे गणेश , प्रीतम हरक जिताएंगे प्रदेश

Ganesh Godiyal  कोई दो राय नहीं है कि देहरादून का कांग्रेस मुख्यालय कमरों में बंटी गुटबाजी में जकड़ा हुआ है। हर कमरे में बैठा पदाधिकारी खुद को दूसरे से बड़ा साबित करने में अपने ही साथ के लोगों की लाइन छोटी करने में मौके तलाशता रहता है। क्या प्रवक्ता कक्ष तो क्या संगठन का कमरा और क्या कैम्पस का कोना … रोजाना आपको गिने चुने चेहरे मीडिया के कैमरे से पार्टी को खाद पानी दे इतिश्री कर बाद दोपहर अपने अपने राम जी की तलाश में निकल जाते हैं। लेकिन इन सबसे पार्टी को क्या ऑक्सीजन मिल पा रही है ? क्या 2027 में कोई सम्भावना भी बन पा रही है ? ये सबसे बड़ा सवाल है। जिसका जवाब अब नए अध्यक्ष को जल्द खोजना होगा।

गणेश गोदियाल बने प्रदेश अध्यक्ष Ganesh Godiyal 


लम्बे विचार मंथन और गुणा भाग के बाद उत्तराखंड की कांग्रेस राजनीति में नए समीकरण बनाया गया हैं। आलाकमान ने लंबे मंथन के बाद गणेश गोदियाल को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। साथ ही, प्रीतम सिंह को प्रचार समिति की कमान और डॉ. हरक सिंह रावत को चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। तीनों नामों का चयन प्रदेश में संतुलन साधने की रणनीति के तहत किया गया है-एक तीर से तीन निशाने।

यह तिकड़ी अनुभव, संगठन और प्रभाव का संगम मानी जा रही है। गणेश गोदियाल संगठन के भीतर सुलझे और स्वीकार्य चेहरे हैं, प्रीतम सिंह के पास संगठन और जनसंपर्क का लंबा अनुभव है, जबकि हरक सिंह रावत मैदान में सक्रिय और पुराने कांग्रेस-भाजपा समीकरणों को समझने वाले नेता माने जाते हैं।

प्रीतम और हरक को भी मिली अहम भूमिका

सूत्रों के मुताबिक, यह नियुक्ति 2027 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर की गई है, जिसमें पार्टी की प्राथमिकता संगठन को ज़मीन से जोड़ना और पुराने मतभेदों को पाटना है। कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने आदेश जारी किए हैं, जबकि करण माहरा को पार्टी कार्यसमिति में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाकर सम्मानजनक विदाई दी गई है।राजनीतिक हलकों में इसे कांग्रेस की “संतुलन और संदेश दोनों साधने वाली चाल” के रूप में देखा जा रहा है। लेकिन इस नयी कप्तानी की सबसे बड़ी जिम्मेदारी अपनी मैच जिताऊ टीम का सेलेक्शन होगा क्योंकि सत्ताधारी भाजपा के पार जहाँ अनुशासित संगठन की कुशल टीम है तो वहीँ कांग्रेस को अपने अंदरूनी अदावत , गुटबाजी और एक दूसरे को काटने की भस्मासुरी हरकतों से निजात पाना होगा तभी 2027 में पार्टी की सत्ता में वापसी की संभावनाओं की राह खुल सकेगी।