Gond Tribles : उल्टा पुल्टा है सब – फेरे भी समय भी 

Gond Tribles विभिन्न संस्कृतियों, सभ्यताओं और परम्पराओं के लिए देश भर में विशिष्ट पहचान बनाने वाला मध्य प्रदेश अपनी आदिवासी जनसंख्या के लिए भी जाना जाता है। मध्य प्रदेश में विभिन्न जनजातियों के लोग आज भी अपनी आदिम संस्कृति को सहेजे और समेटे हुए हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण और प्रमुख जनजाति है गोंड। गोंड को आस्ट्रोलायड नस्ल और द्रविड़ परिवार की जनजाति माना जाता है।

 मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी जनजाति है Gond Tribles

आपने दुनिया भर की घड़ियों को देखा होगा. लेकिन छत्तीसगढ़  के इस गांव की घड़ियां आपको भी कंफ्यूज कर देंगी. दरअसल इस गांव की प्रथाओं के मुताबिक यहां पर घड़ी के कांटे उलटी दिशा में चलते हैं. इतना ही नहीं यहां पर रात को 12 बजे के बाद एक नहीं बल्कि 11 बजते हैं. इस गांव में घड़ियां आम घड़ियों की तरह बाईं से दाएं तरफ न चलकर दाएं से बाईं तरफ चलती हैं. इसका मतलब है कि यहां की घड़ियां एंटी क्लॉक वाइज  चलती हैं. इस प्रथा का पालन करने वाले गोंड आदिवासी समुदाय के लोग कहते हैं कि उनकी घड़ी सही चलती है.

इस समुदाय ने अपनी घड़ी का नाम भी रखा हुआ है. बता दें कि इनकी घड़ी गोंडवाना टाइम कहलाती है. ये लोग कहते हैं कि धरती दाएं से बाईं दिशा में घूमती है. इसके अलावा चांद हो या सूरज या फिर तारे, सभी इसी दिशा में घूमते हैं. यही कारण  है कि इस समुदाय के लोगों ने घड़ी की दिशा ऐसी रखी हुई है. ऐसी एक और प्रथा है जिसके बारे में जानकर आप सभी हैरान रह जाएंगे.गोंड समुदाय के लोगों का शादी करने का तरीका भी कुछ अलग है. इस समुदाय में दूल्हा-दुल्हन के फेरे भी आम लोगों से उलटी दिशा में लिए जाते हैं. इस समुदाय के लोग महुआ और परसा जैसे पेड़ों की पूजा करते हैं. आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के इस इलाके में करीब 10,000 परिवार रहते हैं.

गोंड संस्कृति को जानिए —

गोंड समूह अपने रीति-रिवाजों व परम्पराओं से बंधा हुआ है। जन्म से लेकर मृत्यु तक कई परम्पराओं को आज भी निभाते चले आ रहे हैं। अन्य जनजातियों की तरह गोंडों में भी स्त्री-पुरुष दोनों को बराबरी का दर्जा मिला हुआ है। पर्दा प्रथा से दूर गोंड नारी अपना जीवनसाथी चुनने में भी पूरी तरह स्वतंत्र होती है। आधुनिक समाज के विपरीत आदिम समाज में आज भी महिलाओं को सम्मानित समानता का दर्जा प्राप्त है। गोंड परिवारों में विवाह की अलग-अलग प्रथाएं प्रचलित हैं जो अत्यंत रोचक होती हैं। गोंडों में लमसेना विवाह किया जाता है, जिसमें युवक एक निश्चित समय तक अपने ससुर के खेत में मजदूरी करता है। सेवा का समय पूरा हो जाने के बाद ही युवक-युवती का विवाह किया जाता है।

नैनीताल आने से पहले वीडियो ज़रूर देख लीजिये https://youtu.be/l3sZGxq6qmw?si=iRTlBnKrWuoi-oRx

ShiningUttarakhandNews

We are in the field of Electronic Media from more than 20 years. In this long journey we worked for some news papers , News Channels , Film and Tv Commercial as a contant writer , Field Reporter and Editorial Section.Now it's our New venture of News and Informative Reporting with positive aproch specially dedicated to Devbhumi Uttarakhand and it's glorious Culture , Traditions and unseen pictures of Valley..So plz support us and give ur valuable suggestions and information for impressive stories here.