Hindu Dharma कौन हैं देवताओं के चिकित्सक ?

Hindu Dharma हर साल 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है। ये दिन डॉक्टर्स के प्रति आभार प्रकट करने का एक मौका है क्योंकि धरती पर डॉक्टर को ही भगवान का दूसरा रूप माना जाता है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि धर्म ग्रंथों में देवताओं के वैद्य यानी डॉक्टर के बारे में भी बताया गया है, मगर बहुत कम लोगों के इनके बारे में जानकारी है। नेशनल डॉक्टर्स डे के मौके पर जानिए कौन हैं देवताओं के डॉक्टर…

भगवान् के डॉक्टर कैसे बने भगवान् ? Hindu Dharma

धर्म ग्रंथों के अनुसार, देवताओं के वैद्य यानी डॉक्टर भगवान धन्वंतरि है, जो समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे। इन्हें आयुर्वेद का जनक भी कहा जाता है। इनके हाथ में अमृत कलश दिखाई देता है, जिसे पीकर देवता अमर हो गए। हर साल धनतेरस के मौके पर भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है और तरह-तरह की औषधियां भी इन्हें चढ़ाई जाती हैं। अनेक धर्म ग्रंथों में धन्वंतरि को भगवान विष्णु का अवतार भी माना जाता है।

द्वापर युग में लिया अवतार

धर्म ग्रंथों के अनुसार, द्वापर युग में काशी के राजा धन्व ने संतान प्राप्ति के लिए भगवान शिव की घोर तपस्या की। खुश होकर भगवान शिव ने उन्हें पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया। भगवान विष्णु के वरदान स्वरूप धन्वंतरि ने राजा धन्व के यहां पुत्र रूप में जन्म लिया। यहां उन्होंने आयुर्वेद की शिक्षा का प्रचार-प्रसार किया और इसकी आयुर्वेद का अष्टांग विभाग भी किया। इन्हें आयुर्वेद में सर्जरी का जनक भी कहा जाता है।


ये भी करते हैं देवताओं को उपचार

धर्म ग्रंथों में धन्वंतरि के अलावा अश्विन कुमारों को भी देवताओं का चिकित्सक कहा गया है। अश्विन कुमार जुड़वा भाई हैं, इनके पिता स्वयं सूर्यदेव हैं। सोमरस जैसी दिव्य औषधि का आविष्कारक भी इन्हें ही माना जाता है। इनके जुड़ी अनेक कथाएं धर्म ग्रंथों में बताई गई हैं। महाभारत में बताए गए राजा पांडु के पुत्र नकुल और सहदेव अश्विन कुमारों के अवतार थे। कुछ धर्म ग्रंथों में अश्विन कुमारों का नाम नासत्य और दस्त्र भी बताया गया है। इन्हें उत्तम स्वास्थ्य और उपचार का देवता माना गया है।