Ideal Personality : धामी सरकार में पीसीएस अफसर के रोचक किस्से !

देहरादून से अनीता आशीष तिवारी की रिपोर्ट –

Ideal Personality  एक अधिकारी बड़ी ज़िम्मेदारी लेकिन अक्सर आप नाकारे , ढुलमुल और सुस्त अफसरों की कारस्तानी पढ़ते और सुनते होंगे। सरकारी कामकाज और जनता के लिए अक्सर बड़े अफसर अपनी ज़िम्मेदारी अपना कर्तव्य उम्मीद के मुताबिक नहीं निभाते हैं लेकिन  but उत्तराखंड के एक अधिकारी अपनी इमेज और कर्तव्य दोनों के साथ न्याय करते नज़र आ रहे हैं। जहाँ नियुक्त हुए वहा अलग छाप छोड़ते हैं और अब तो फेसबुक पर अपने आर्टिकल्स की वजह से काफी चर्चाओं में हैं। कौन हैं ये पीसीएस अधिकारी आपको बताते हैं।

 

घनसाली के उप जिलाधिकारी शैलेन्द्र सिंह नेगी Ideal Personality

Ideal Personality

वो लिखते हैं … अपने दिनचर्या के कामकाज से ख़ास घटनाओं को चुनते हैं और साझा करते हैं अपने ख़ास एडिशन में जो आप फेसबुक पर पढ़ सकते हैं। डिप्टी कलेक्टर की डायरी नाम से बनाये गए पेज पर अपने बचपन की यादें , छात्र जीवन के अनुभव , राज्य आंदोलन का जीवंत चित्रण और अफसरी के दिनों की रोचक घटनाओं का बेहतरीन अनुभव डिप्टी कलेक्टर साहेब यहाँ आकषक शब्दों में लिखते हैं। ये हैं कोटद्वार गवर्मेंट पीजी कॉलेज के पूर्व छात्र और धामी सरकार में मौजूदा घनसाली के उप जिलाधिकारी शैलेन्द्र सिंह नेगी

आज जिस घटना का हम जिक्र कर रहे है वो ख़ास है क्योंकि ये हमको आपको और समाज को एक सन्देश देती है। उप जिलाधिकारी घनसाली नेगी ने बीते दिनों तीन मासूम बच्चों को रेस्क्यू करते हुए उन्हें आसरा दिया है जिनको लोग भिखारी या विक्षिप्त समझ कर नज़रअंदाज़ कर रहे थे। दरअसल एक दिन क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान उन्होंने देखा कि एक महिला तीन बच्चों के साथ घनसाली से अखोड़ी मार्ग पर अंधेरे में पैदल जा रही है I

उप जिलाधिकारी घनसाली शैलेन्द सिंह नेगी ने गाड़ी रुकवा कर उनके संबंध में जानकारी ली तब मालूम हुआ कि वह महिला कुछ दिनों से पारिवारिक दिक्कतों एवं मानसिक स्थिति ठीक न होने के कारण अपने तीन बच्चों जिनमे 12 साल, 10 साल की दो लड़कियां तथा 8 साल के बालक के साथ अक्सर घनसाली बाजार जाती है और रात्रि में वापस लौटती है। उस के पति का कुछ वर्ष पहले निधन हो गया था . तब से उसकी मानसिक, पारिवारिक एवं शारीरिक स्थिति ठीक न होने के कारण वह निराश्रित की तरह जीवन व्यतीत कर रही है।

उस दृश्य को देख मन द्रवित हो उठा और संकल्प जगा कि इन मज़बूर लोगों को आसरा दिया जाना उनका सामाजिक और उप जिलाधिकारी घनसाली के रूप में कर्तव्य है लिहाज़ा इस बोध के साथ उन्होंने जाखनीधार तहसील के अंतर्गत सोणधार पोस्ट ऑफिस खंडोगी में संचालित एक चैरिटेबल ट्रस्ट के आवासीय छात्रावास को सूचित किया जिसके बाद महिला एवं तीनों बच्चों को ट्रस्ट में आसरा मिला लेकिन यही नहीं उसके बाद एसएस नेगी ने क्षेत्रीय पटवारी अनिल थपलियाल को जिम्मेदारी दी कि वह महिला एवं बच्चों से मिलकर उनको ट्रस्ट में जाने के लिए तैयार करें तथा उनकी काउंसलिंग करें ।

उप जिलाधिकारी ने नेगी ने अपने वाहन से क्षेत्रीय पटवारी एवं महिला पीआरडी स्वयंसेवी के माध्यम से महिला एवं तीनों बच्चों को तहसील घनसाली बुलाया । खुद उनकी काउंसलिंग की और सोंणधार चैरिटेबल ट्रस्ट तहसील जाखनीधार भेजा जहां उनका विधिवत नामांकन एवं अन्य औपचारिकताएं पूर्ण करने के पश्चात दाखिला हो चुका है । इस दौरान उस महिला के पति का बड़ा भाई तथा एक अन्य ग्रामीण भी साथ में मौजूद रहे। ट्रस्ट की संचालिका असीम उनियाल ने बताया कि महिला एवं उनके तीनों बच्चे सुरक्षित हैं तथा उन्हें ब्रिज कोर्स के माध्यम से उनकी आयु के अनुसार कक्षाओं में प्रवेश देने के लिए तैयार किया जाएगा। इस तरह से एसडीएम नेगी ने अपने कर्तव्य को निभाकर मिसाल कायम की जिसकी आज समाज और अफसरशाही में बेहद कमी है।

सचिवालय प्रदेश में सुशासन की नींव – मुख्यमंत्री https://shininguttarakhandnews.com/dhami-secretariat-oath/

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