
INDIAN ARMY K9 UNIT उत्तराखंड के हर्षिल और धराली में चल रहे मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR) अभियान में भारतीय सेना के खास ‘कैनाइन कमांडोज़’ मोर्चा संभाल रहे हैं। ये प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड, ज़मीन के भीतर दबे लोगों को ढूंढने के लिए ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (GPR), ज़ेवर रडार और रिकॉनिसेंस रडार के साथ मिलकर सर्च ऑपरेशन में लगे हुए हैं।
डॉग कमांडोज़ बने हर्षिल और धराली के हीरो INDIAN ARMY K9 UNIT
सेना के छह खास साथी ओपना (4 वर्ष), झांसी (3.5 वर्ष), सारा (4.5 वर्ष), जून (7 वर्ष), राही (8 वर्ष) और हेज़ल (4 वर्ष) पिछले तीन दिनों से लगातार राहत कार्य में जुटे हैं। हर डॉग 30-35 मिनट तक लगातार काम करता है, फिर 10 मिनट का ब्रेक लेता है। इस तरह तीन घंटे तक लगातार सर्च ऑपरेशन के बाद उन्हें डेढ़ घंटे का आराम और खाना दिया जाता है। इनकी खास ट्रेनिंग इन्हें 15 से 18 फीट गहराई तक दबे इंसानों की गंध पहचानने में सक्षम बनाती है।
धराली के मलबे में लापता लोगों को ढूंढ रही है
कठिन पहाड़ी इलाकों में हो रही इस सर्च मिशन में इन डॉग कमांडोज़ ने कई अहम लोकेशन पॉइंट्स खोज निकाले हैं, जिससे राहत दलों को फंसे लोगों तक पहुंचने में मदद मिली है। सेना के अधिकारियों का कहना है कि इन ‘साइलेंट वॉरियर्स’ के बिना ऐसे कठिन ऑपरेशन में सफलता पाना और भी मुश्किल होता।भारतीय सेना के ये कैनाइन कमांडोज़ सिर्फ युद्धभूमि ही नहीं, बल्कि आपदा के समय भी जान बचाने में सबसे आगे रहते हैं। हर्षिल और धराली में इनका जज़्बा और सेवा भावना एक बार फिर साबित कर रही है कि ये वर्दीधारी चार-पैर वाले योद्धा राष्ट्र की सच्ची ताकत हैं।
हर दिन 2000 हजार लीटर डीजल भेजने के निर्देश
हर्षिल तथा धराली में डीजल की किल्लत न हो, इसके लिए सचिव गृह ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अपर आयुक्त पीएस पांगती को हर दिन 2000 हजार लीटर डीजल भेजने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने 20 से 25 रसोई गैस के सिलेण्डर भी हर्षिल तथा धराली में भेजने को कहा। शैलेश बगौली ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर्षिल घाटी में खाद्य सामग्री की किल्लत न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
जब तक सड़कें बहाल नहीं होती तब तक घोड़े और खच्चरों के जरिये आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। साथ ही उन्होंने बीआरओ के अनुरोध पर धराली में जल पुलिस को सर्च एवं रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए जल्द से जल्द नाव भेजने के निर्देश दिए।