Indian Toilet vs Western : वेस्टर्न टॉयलेट से ज्यादा इंडियन टॉयलेट क्यों बेहतर है ? 1 Great Truth

Indian Toilet vs Western बीते कुछ समय से लोगों के बीच वेस्टर्न टॉयलेट का कल्चर तेजी से बढ़ता दिख रहा है। कुछ लोग जहां अपनी सुविधा के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं, तो वहीं कुछ समय के साथ बदलते ट्रेंड को फॉलो करने की चक्कर में इसे अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बना रहे हैं।


Indian Toilet vs Western वेस्टर्न टॉयलेट का कल्चर तेजी से बढ़ा

Indian Toilet vs Western 

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Indian Toilet vs Western   लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपनी सुविधा के लिए आप जिस वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह असल में आपकी सेहत के लिए काफी हानिकारक हो सकती है। अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जो इन दिनों इंडियन टॉयलेट को छोड़ वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आज हम आपको बताएंगे कि वेस्टर्न टॉयलेट से ज्यादा इंडियन टॉयलेट क्यों बेहतर है?
ब्लड सर्कुलेशन अच्छा करें
Indian Toilet vs Western  इंडियन टॉयलेट आपको सेहतमंद बनाए रखने में काफी मददगार साबित हो सकता है। दरअसल, इसके इस्तेमाल से आपके पूरे शरीर की एक्सरसाइज होती है। इंडियन टॉयलेट में 10 से 15 मिनट तक बैठना जिम में स्क्वाट करने के ही बराबर है, जिससे आप फिट तो रहते ही है। साथ ही शरीर का ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छा रहता है।.
डाइजेशन अच्छा करे
Indian Toilet vs Western  इंडियन टॉयलेट का इस्तेमाल करने से आपके पेट पर दबाव पड़ता है, जिससे आपका डाइजेशन अच्छा होता है और पेट भी अच्छे से साफ होता है। लेकिन वेस्टर्न टॉयलेट के इस्तेमाल से पेट पर दबाव नहीं पड़ता, जिससे पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
पेपर और पानी की बर्बादी से बचाए
स्कूल-कॉलेज, दफ्तर या घर में बने वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल करते समय ज्यादा मात्रा पानी और पेपर का इस्तेमाल होता है, जिससे इनकी काफी बर्बादी होती है। लेकिन इसके विपरीत इंडियन टॉयलेट में पेपर की कोई जरूरत नहीं होती और पानी भी सीमित मात्रा में इस्तेमाल होता है।

गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद
Indian Toilet vs Western  शायद आप यह जानते होंगे कि इंडियन टॉयलेट गर्भवती महिलाओं के लिए ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। दरअसल, इस पर बैठने से महिलाओं में स्क्वाट्स लगाने की पोजीशन में आती हैं, जिससे नॉर्मल डिलीवरी होने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है।
कैंसर समेत गंभीर बीमारियों से बचाए
Indian Toilet vs Western इंडियन टॉयलेट का इस्तेमाल करने से पेट तो साफ रहता ही है, लेकिन इससे पेट से जुड़े कोलन कैंसर और अन्य बीमारियों के होने का खतरा भी कम हो जाता है। दरअसल, इंडियन पॉट पर बैठने से पेट अच्छी तरह साफ होता है, जिससे कब्ज अपेंडिसाइटिस, कोलन कैंसर समेत अन्य बीमारियां होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं।

 

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