Jaunsar Bawar : मंगलसूत्र, नथुनी, झुमका… और गजब फरमान

Jaunsar Bawar  देहरादून के चकराता क्षेत्र के जौनसार बावर इलाके के दो छोटे गांव कंदाड़ और इद्रोली इन दिनों चर्चाओं में हैं.जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर में पारंपरिक रूप से राइणियों के सोने के आभूषण पहनने की परंपरा रही है, लेकिन वर्तमान समय में सोने की बढ़ती कीमतों के कारण यह परंपरा गरीब परिवारों के लिए बोझ बनती जा रही है। जहां आजकल सोने के बढ़ते चलन और दिखावे की होड़ ने समाज में आर्थिक असमानता बढ़ाई है, वहीं इन गांवों ने मिलकर ठान लिया है कि अब इस पर लगाम लगाई जाएगी. ऐसे में अब यहां की महिलाएं सोने की अंबार नहीं पहन पाएगी.

0 से 20 तोले तक सोना बनवाने की होड़ मच गई Jaunsar Bawar


कंदाड़ और इद्रोली गांव की सामूहिक बैठक में एक फरमान जारी करते हुए सामाजिक नियम बनाया गया है. अब शादी या अन्य सामाजिक समारोहों में महिलाएं सिर्फ तीन गहने ही पहनेंगी. गले का मंगलसूत्र, नाक की लॉन्ग और कानों के झुमके. इस नियम का पालन न करने वालों पर 50 हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना लगाने का प्रावधान रखा गया है. यह फैसला गांव के सभी वर्गों की सहमति से लिया गया है.

ग्रामीणों से बात की. उन्होंने बताया कि पिछले 8 से 10 सालों में इस क्षेत्र में सोने के आभूषणों का चलन अत्यधिक बढ़ गया है. अब यहां शादी-ब्याह में दुल्हन के लिए 10 से 20 तोले तक सोना बनवाने की होड़ मच गई है. इससे सक्षम परिवारों की देखा-देखी में गरीब परिवारों पर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा था. कई लोग कर्ज लेकर गहने बनवा रहे थे, जिससे समाज में अमीर-गरीब का भेदभाव गहराता जा रहा था.


ग्रामीणों ने फैसले का किया स्वागत

गांव की महिलाओं और बुजुर्गों ने इस निर्णय का खुले दिल से स्वागत किया है. ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि इस नियम से जहां दिखावे की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी, वहीं आर्थिक समानता को भी बल मिलेगा. वहीं तिलक सिंह जैसे ग्रामीणों का मानना है कि अब शादी समारोहों में अनावश्यक खर्च और शराब पर होने वाली फिजूलखर्ची पर भी रोक लगाने की दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा.ग्रामीणों ने बताया कि जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर में पारंपरिक रूप से राइणियों के सोने के आभूषण पहनने की परंपरा रही है, लेकिन वर्तमान समय में सोने की बढ़ती कीमतों के कारण यह परंपरा गरीब परिवारों के लिए बोझ बनती जा रही है। कोई भी महिला आर्थिक रूप से कमजोर महसूस न करे, इसके लिए सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया गया है।


नियम ना मानने पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड

बैठक में यह भी तय हुआ कि यदि कोई महिला इस नियम का उल्लंघन करती है तो उस पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया जाएगा। निर्णय के अनुसार गांव के सभी परिवारों को इस नियम का पालन करना अनिवार्य होगा। बैठक में गांव के स्याणा मुन्ना सिंह रावत, टीकम सिंह रावत, गजेंद्र सिंह, अर्जुन सिंह, भगवती रणवीर, अमित, शूरवीर सिंह, अनिल सिंह चौहान, जीत सिंह, भगत सिंह रावत, दौलत सिंह आदि शामिल रहे। उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद अब महिलाएं गले का मंगलसूत्र और नाक की लॉन्ग और कानों के झुमके ही पहन सकेगी. यदि नियम का उलंघन किसी प्रकार से किया गया तो 50 हजार का आर्थिक दंड भी देना होगा. लोग अब इस फैसले को किसी बड़े सामाजिक सुधार आंदोलन से कम नहीं मान रहे हैं. हालांकि देखना ये होगा ये फैसला कितना कारगर साबित होगा. ये आने वाला समय ही तय करेगा, लेकिन फिलहाल हर तरफ इस फैसले की तारीफ की जा रही है.