Jhanda Mela 2025 रोचक है झंडा साहिब मेला की परम्परा !

Jhanda Mela 2025 देहरादून में श्री झंडे जी मेले की तैयारियां जोरशोर से शुरु हो गई हैं। दरबार श्री गुरु राम राय जी महाराज में श्री झंडा साहिब की विशेष पूजा अर्चना व अरदास की गई। वहीं दरबार श्री गुरु राम राय जी महाराज, देहरादून के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज के नेतृत्व में सोमवार को एक दल अराईयांवाला, हरियाणा के लिए रवाना हुआ एवम् वहां पर हर्ष-उल्लास एवम् श्रद्धाभाव के साथ श्री झण्डे जी का आरोहण किया गया। दूध, दही, घी, मक्खन, गंगाजल और पंचगब्यों के साथ श्री झण्डे जी को स्नान कराया गया।

अराईयांवाला में श्री गुरु राम राय जी महाराज के जयकारों से निहाल हुई संगतें Jhanda Mela 2025


हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में 60 फीट ऊंचे श्री झण्डे जी का आरोहण किया गया। देर शाम तक हजारों की संख्या में मौजूद संगते श्री गुरु राम राय जी महाराज की महिमा के जयकारे लगाती रहीं। इस अवसर पर संगतों को प्रसाद एवम् लंगर वितरित किया गया। इससे पूर्व परंपरा के अनुसार 8 मार्च को श्री दरबार साहिब केे पुजारी, श्री दरबार साहिब देहरादून के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज का हुक्मनामा लेकर बड़ा गांव हरियाणा रवाना हुए थे। इसके बाद ही पैदल संगत देहरादून की ओर बढ़ना शुरू करती हैं।

11 मार्च को पैदल संगत का स्वागत सहसपुर में

12 मार्च को पैदल संगत देहरादून में प्रवेश करेगी। श्री दरबार साहिब प्रबन्धन व श्री झण्डा जी मेला आयोजन समिति की ओर से कांवली गांव में संगत का जोरदार स्वागत किया जाएगा। 12 मार्च की शाम को पैदल संगत श्री दरबार साहिब में पहुंचेगी। श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज की अगुआई में श्री दरबार साहिब प्रबन्धन, श्री झण्डा जी मेला आयोजन समिति द्वारा दर्शनी गेट पर पैदल संगत का भव्य स्वागत किया जाएगा व पैदल संगत श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज से आशीर्वाद लेंगी। हर बार की तरह संगतें दर्शनी गेट से श्री दरबार साहिब में प्रवेश करेगी ।


श्री दरबार साहिब में भजन कीर्तन एवम् अरदास का कार्यक्रम होगा

श्री झण्डा जी मेला आयोजन समिति के मुख्य व्यवस्थापक मधुसूदन सेमवाल ने जानकारी दी कि श्री झण्डे जी मेले की तैयारियों में तेजी आ चुकी है। 15 मार्च से देश-विदेश की संगतों का श्री दरबार साहिब पहुंचने का क्रम और तेज हो जाएगा। संगतों एवम् श्रद्धालुओं के लिए सभी आवश्यक तैयारियों को पूरा कर लिया गया है। 18 मार्च को परंपरा के अनुसार पूरब की संगत की विदाई होगी। 19 मार्च को श्री झण्डे जी आरोहण के साथ ही इस साल के लिए श्री झण्डे जी मेले का शुभारंभ हो जाएगा।

झंडा मेला का जानिए इतिहास

देहरादून में झंडे मेले का आयोजन पिछले कुछ सालों से नहीं बल्कि 347 साल से किया जा रहा है. हर साल झंडे मेले की रौनक बढ़ती जा रही है. साल 1675 में देहरादून पहुंचे थे महाराज: दरअसल, सिखों के सातवें गुरु हरराय महाराज के बड़े बेटे गुरु राम राय महाराज ने वैराग्य धारण किया. जिसके बाद वे संगतों के साथ भ्रमण पर निकले. वे साल 1675 में चैत्र मास कृष्ण पक्ष की पंचमी के दिन देहरादून पहुंचे. गुरु रामराय महाराज के देहरादून आगमन के अगले साल 1676 में उनके जन्मदिन को संगतों ने यादगार बनाए जाने को लेकर उत्सव मनाया. जिससे झंडे जी मेले की शुरुआत हुई. तब से हर साल इस उत्सव को मेले के रूप में मनाया जाने लगा. तब समय देहरादून एक छोटा सा गांव हुआ करता था.

दरबार साहिब के अब तक के महंत

1687 से 1741 तक महंत औददास ने दरबार साहिब की गद्दी संभाली.
1741 से 1766 तक महंत हरप्रसाद ने दरबार साहिब की गद्दी संभाली.
1766 से 1818 तक महंत हरसेवक ने दरबार साहिब की गद्दी संभाली.
1818 से 1842 तक महंत स्वरूप दास ने दरबार साहिब की गद्दी संभाली.
1842 से 1854 तक महंत प्रीतम दास ने दरबार साहिब की गद्दी संभाली.
1854 से 1885 तक महंत नारायण दास ने दरबार साहिब की गद्दी संभाली.
1885 से 1896 तक महंत प्रयाग दास ने दरबार साहिब की गद्दी संभाली.
1896 से 1945 तक महंत लक्ष्मण दास ने दरबार साहिब की गद्दी संभाली.
1945 से 2000 तक महंत इंद्रेश चरन दास ने दरबार साहिब की गद्दी संभाली.
2000 से वर्तमान समय में महंत देवेंद्र दास दरबार साहिब की गद्दी संभाल रहे हैं.

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