Jhankar Saim Temple उत्तराखंड के अल्मोड़ा शहर से तकरीबन 40 किलोमीटर की दूरी पर झांकर सैम मंदिर है. इस मंदिर में स्वयंभू लिंग में झांकर सैम देवता विराजमान है। मान्यताओं के अनुसार, झांकर सैम देवता सभी देवी-देवताओं के गुरु हैं और इनको देवी-देवताओं का मामा भी कहा जाता है. इस मंदिर में हर महीने हजारों की संख्या में श्रद्धालु झांकर सैम देवता के दर्शन करने और उनसे आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं। झांकर सैम मंदिर जाने के लिए आपको अल्मोड़ा से जागेश्वर जाने वाले मार्ग पर जाना होगा। प्राचीन काल के इस मंदिर की विशेष मान्यता है. कहा जाता है कि इस मंदिर में झांकर सैम देवता स्वयंभू शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं. मंदिर में सच्चे मन से आने वाले सभी श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यहां देवदार के पेड़ से कुछ दशकों पहले तक दूध निकला करता था, लेकिन धीरे-धीरे दूध आना बंद हो गया। हालांकि पेड़ के पीछे भगवान गणेश की आकृति आज भी बनी हुई है, जो कि कई वर्षों पुरानी है. वहीं सैम मंदिर में देवी का भी मंदिर है, जो काफी साल पुराना है।
अल्मोड़ा में है देवताओं के मामू का मंदिर Jhankar Saim Temple
लोगों के अनुसार जिनको आर्थिक दिक्कत होती है या फिर संतान न होने से लोगों को काफी समस्या होती है, वे इस दरबार में आकर भगवान से मन्नत मांगते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। जिनकी मनोकामना पूरी हो जाती है, वे मंदिर में आकर दोबारा पूजा-अर्चना करते हैं, प्रसाद चढ़ाते हैं और भगवान को धन्यवाद देते हैं. इसके साथ उन्होंने बताया कि मंदिर में सुबह और शाम भगवान की आरती होती है और दोपहर में करीब 12 बजे भगवान को दाल और चावल का भोग लगाया जाता है. यहां सभी देवी-देवताओं के मामू विराजमान हैं. यहां सावन के महीने में भगवान की धुनी भी लगती है और भगवान अवतरित होते हैं, जो भी जागेश्वर धाम आता है, तो वह इस मंदिर में जरूर आता है। इस मंदिर के बारे में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य मान्यताओं के आधार पर हैं।
जिस तरह से हमारे मामू हमारी हर विश पूरी करते हैं ठीक उसी तरह से देवताओं के ये मामू सभी देवी देवताओं के भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. इस मंदिर में विवाह करने वाले दंपत्ति के जीवन में हर तरह का सुख बना रहता है. कहते हैं जिन लोगों की कुंडली आपस में ना मिल रही है वो भी यहां आकर शादी करते हैं तो इससे उनके सारे ग्रह दोष दूर हो जाते हैं. संतान सुख मिलता है और जीवन में आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है. इस मंदिर में शादी की डेट लेने के लिए भी लोगों को कई दिनों पहले बुकिंग करवानी पड़ती है. ज्यादातर यहां पर शादियों का समारोह दिन के समय ही संपन्न होता है लेकिन कुछ खास अवसरों पर रात में भी विवाह करवाया जाता है. मंदिर में सच्चे मन से आने वाले सभी श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. ज्यादा इतिहास खंगालने पर पता चला कि यहां देवदार के पेड़ों से कुछ दशकों पहले तक दूध निकला करता था. समय के साथ-साथ अब पेड़ों से दूध आना बंद हो गया है. हैरान करने वाला सच ये है कि पेड़ के पीछे भगवान गणेश की आकृति आज भी बनी हुई है, जिसे सैंकड़ो वर्ष पुराना बताया जाता है. झांकर सैम मंदिर में देवी का मंदिर भी है, जो काफी साल पुराना है…