कैंची धाम मंदिर की स्थापना 1964 में की गई Kainchi Dham Mela

बाबा नीम करौली महाराज के चमत्कार भी लोगों ने देखे हैं। कहा जाता है कि एक बार आश्रम में भंडारे का आयोजन हो रहा था। उस दौरान घी की कमी पड़ गई। बाबा के आदेश पर आश्रम से नीचे बह रही नदी के पानी का प्रयोग किया गया। ऐसे में जो भी पानी प्रसाद में डाला गया, उसने घी का रूप ले लिया। कहा जाता है कि बाबा के पास अपनी दिव्य शक्तियां थीं। बाबा कहीं भी प्रकट या लुप्त हो जाते थे। कहीं भी चलते-चलते बाबा गायब हो जाते थे। कहते हैं कि इस चमत्कार को उनके भक्तों ने कई बार देखा था। यहां तक कि जो भी भक्त आस्था से उनसे कामना करते हैं, वो पूरी होती है।
बाबा के आशीर्वाद से पलटी स्टीव जॉब्स की किस्मत
कहा जाता है कि एप्पल के सीईओ स्टीव जॉब्स की किस्मत भी बाबा के आशीर्वाद से ही पलटी है. स्टीव जॉब्स का कारोबार खत्म हो गया था। इससे वे निराश थे। तब किसी ने बाबा नीम करौली महाराज के बारे में उन्हें बताया, जिसके बाद वह बाबा नीम करौली की शरण में आए। वहां से उनकी किस्मत पलटी। जब वह बाबा के दर्शन करने आए उस समय बाबा ब्रह्मलीन हो चुके थे। तब स्टीव जॉब्स ने यहां रह कर साधना की और बाबा का आशीर्वाद पाया। कहा जाता है कि बाबा नीम करौली महाराज को खाने में सेब पसंद था। इसलिए स्टीव जॉब्स ने अपने ब्रांड का नाम एप्पल रखा।
बाबा नीम करौली महाराज ने वृंदावन में ली समाधि
बाबा नीम करौली महाराज का निधन 1973 में हो गया था। बाबा ने अपनी समाधि वृंदावन में ली। 15 जून को हर साल बाबा के धाम में भव्य विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है। उस दिन देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। श्रद्धालु बाबा के मालपुआ प्रसाद को ग्रहण करते हैं। माना जाता है कि बाबा के आशीर्वाद से भंडारे में कभी भी प्रसाद की कमी नहीं होती। कहा जाता है कि जो भी भक्त इस मंदिर में श्रद्धा से बाबा को याद करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।