देहरादून से अनीता आशीष तिवारी की विशेष रिपोर्ट –
Kargil Martyer Uttarakhand 20 साल पहले यानी जुलाई 1999 को उत्तराखंड के वीर जवानों ने अपने अदम्य साहस के बलबूते पर पाकिस्तानी सेना को बुरी तरह शिकस्त दी। लेकिन but गर्व की बात ये है कि कारगिल में लड़े गए इस युद्ध में उत्तराखंड के 75 जांबाज़ जवान अपने देश की रक्षा करते शहीद हो गए थे ।इनमें गढ़वाल राइफल्स के 54 सैनिक जबकि कुमाऊं रेजिमेंट के 12 सैनिक शामिल थे।
Kargil Martyer Uttarakhand उत्तराखंड के 75 जांबाज़ जवान हुए शहीद
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जिसमें उत्तराखंड के हर एक जनपद से एक न एक वीर योद्धा शामिल था। हांलाकि although इसमें उधम सिंह नगर से 2,अल्मोड़ा से 3, पौड़ी से 3,रुद्रप्रयाग से 3, बागेश्वर से 3, नैनीताल से 5, चमोली से 7,लैंसडॉन से 10,टिहरी से 11 और देहरादून जिले से 14 वीरों ने अपना बलिदान दिया। ऑपरेशन विजय के सफल समापन पर कारगिल युद्ध के नायकों के साहस, वीरता और बलिदान के सम्मान में हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है।
1999 में कारगिल युद्ध 60 दिनों से अधिक समय तक लड़ा गया
भारत पाकिस्तान को हराकर विजयी हुआ। Kargil Martyer Uttarakhand यह पूरे राष्ट्र के लिए गौरव का दिन है। लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, वीएसएम (सेवानिवृत्त), उत्तराखंड के राज्यपाल ने कारगिल युद्ध के नायकों की याद में शौर्य स्थल युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की, उन सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने बहादुरी से लड़ाई लड़ी और राष्ट्र के लिए निस्वार्थ भाव से अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।
इस दौरान meanwhile राज्यपाल ने वीर नारियों, कारगिल युद्ध नायकों और उनके परिवारों और आश्रितों से भी मुलाकात की। राष्ट्र हमारे शहीद सैनिकों की वीरता और बलिदान का ऋणी है जिनके कारण हमारी सीमाओं की अखंडता आज भी बरकरार है। यह युद्ध नायकों को उनके बलिदान के लिए याद करने और राष्ट्र के लिए सशस्त्र बलों के संकल्प को मजबूत करने का दिन है।
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