Mahila Congress ज्योति बनी ज्वाला – भारी बारिश में घेरा सचिवालय

अनीता तिवारी की विशेष रिपोर्ट

Mahila Congress  उत्तराखंड की बेहद चर्चित महिला नेता बन चुकी प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला एक बार फिर सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरी और फिर महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं और महिला स्वयं सहायता समूहों ने सचिवालय का घेराव किया। यह प्रदर्शन उत्तराखंड सरकार के निर्णय के खिलाफ था, जिसमें पोषाहार योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों को बाहर कर सरकारी एजेंसी एनसीसीएफ (नेशनल को-ऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन) को ठेका देने का प्रस्ताव किया गया है।महिला कांग्रेस और स्वयं सहायता समूहों की मुख्य मांग थी कि राज्य सरकार पोषाहार योजना में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करे। उनका आरोप था कि सरकार की नीतियां महिला सशक्तिकरण के नाम पर केवल दिखावा हैं, और सरकार महिलाओं के स्वरोजगार के अवसर छीन रही है।

महिला कांग्रेस और स्वयं सहायता समूहों का ज़ोरदार हल्लाबोल Mahila Congress


ज्योति रौतेला ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में लगभग 10,000 महिला स्वयं सहायता समूह वर्ष 2013 से आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं और बच्चों को पोषाहार वितरण का काम कर रहे थे। इस योजना से राज्यभर के करीब 9 लाख लोग लाभान्वित हो रहे थे, जिसमें 2 लाख से अधिक महिलाएं शामिल थीं। लेकिन अप्रैल 2021 में राज्य सरकार ने ई-टेंडरिंग के माध्यम से इस काम को बड़े ठेकेदारों को सौंपने का निर्णय लिया, जिसके खिलाफ स्वयं सहायता समूहों ने आंदोलन किया और हाईकोर्ट की शरण ली। नवंबर 2021 में उच्च न्यायालय ने महिलाओं के पक्ष में निर्णय देते हुए यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद सरकार ने समूहों के भुगतान रोक दिए, जिससे उन्हें प्रताड़ना का सामना करना पड़ा।

रौतेला ने यह भी बताया कि 2014 से टेक होम राशन (टी.एच.आर.) का काम भी स्वयं सहायता समूहों को सौंपा गया था। लेकिन 2022 में राज्य सरकार ने यह काम स्वयं सहायता समूहों से छीनकर फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) के हवाले कर दिया। हालांकि, कांग्रेस के समय इस टेंडर प्रक्रिया का विरोध होने पर उच्च न्यायालय ने टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी और सरकार से जवाब मांगा था। लेकिन इसके बावजूद, नवंबर 2022 में राज्य सरकार ने यह योजना बंद कर दी, यह कहते हुए कि वह भारत सरकार के आदेशों का पालन कर रही है।

अब, एक बार फिर सरकार बिना टेंडर प्रक्रिया के 250 करोड़ रुपये का ठेका एनसीसीएफ को देने की योजना बना रही है, जबकि इसके लिए अन्य संस्थानों नैफेड और केन्द्रीय भंडारण से भी आवेदन मांगे गए थे। इस निर्णय को महिला कांग्रेस ने अन्यायपूर्ण करार दिया है, क्योंकि अन्य राज्यों में नैफेड स्थानीय स्वयं सहायता समूहों के साथ मिलकर काम कर रहा है, जबकि उत्तराखंड में सरकार ऐसा करने से इनकार कर रही है।


महिला कांग्रेस और स्वयं सहायता समूहों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से 40,000 से अधिक महिलाओं के स्वरोजगार पर संकट मंडरा रहा है। महिला कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग की है कि पोषाहार योजना में महिला स्वयं सहायता समूहों को शामिल किया जाए, ताकि राज्य की महिलाओं का सशक्तिकरण और स्वावलंबन सुनिश्चित हो सके।इस अवसर पर महिला कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष नजमा खान, आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा, महानगर अध्यक्ष उर्मिला थापा, चंद्रकला नेगी, पुष्पा पंवार, और स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष रीता नेगी सहित कई महिलाएं प्रदर्शन में शामिल थीं।

ShiningUttarakhandNews

We are in the field of Electronic Media from more than 20 years. In this long journey we worked for some news papers , News Channels , Film and Tv Commercial as a contant writer , Field Reporter and Editorial Section.Now it's our New venture of News and Informative Reporting with positive aproch specially dedicated to Devbhumi Uttarakhand and it's glorious Culture , Traditions and unseen pictures of Valley..So plz support us and give ur valuable suggestions and information for impressive stories here.