manglik girl Marriage कुछ लोगों की कुंडली में कुछ ऐसे दोष हो जाते हैं, जिनके कारण लड़के-लड़कियों की दो-दो बार शादी होती है, आइये जानते हैं ये दोष कौन से हैं और विवाह संबंधी इन दोषों को दूर करने के उपाय क्या हैं…ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आपकी कुंडली में कई बार कुछ ऐसे दोष होते, जिनका उपाय किए बिना विवाह कुछ ऐसा नुकसान कर सकता है, जिसकी भरपाई न हो सके। विवाह संबंधी एक ऐसा ही दोष है, जिसको दूर करने के लिए कुंभ विवाह करना जरूरी है, ताकि दांपत्य जीवन सुखद और दीर्घायु हो। आइये जानते हैं ..
कुंभ विवाह क्या होता है और कब करना चाहिए manglik girl Marriage

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह पहले, दूसरे, चौथे, सातवें, आठवें और 12वें भाव में बैठा है तो मंगल दोष बनता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सप्तम भाव पर मंगल का प्रभाव वैवाहिक और दांपत्य जीवन के लिए बुरा होता है। वहीं, जब एक मांगलिक लड़का या लड़की एक गैर-मांगलिक जीवनसाथी से शादी करते हैं तो कई जोड़ों की मृत्यु हो जाती है या वे गंभीर दुर्घटनाओं के कारण विकलांग हो जाते हैं।
कुंभ विवाह क्या होता है
इन घरों में सूर्य, शनि, राहु और केतु स्थान भी अंशी मांगलिक दोष का निर्माण करते हैं। हालांकि हमारे ग्रंथों में विवाह और वैवाहिक जीवन से जुड़ी परेशानियों से बचने के लिए लड़का या लड़की को मंगल दोष दूर करने के उपाय बताए गए हैं।धार्मिक ग्रंथों के अनुसार किसी व्यक्ति की कुंडली में मांगलिक दोष है तो उसे मांगलिक दोष निवारण के लिए विवाह से पहले दोष की काट का यह उपाय जरूर करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी कन्या की कुंडली में विधवा योग है तो उसके नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए कुंभ विवाह संस्कार करना चाहिए।
यदि ऐसी कन्या कुंभ विवाह किए बिना ही किसी वर से विवाह कर लेती है तो उसे विधवा होने की संभावना होती है। कुंभ विवाह अनुष्ठान में पहले दुल्हन का विवाह मिट्टी के बर्तन में स्थापित भगवान विष्णु की मूर्ति के साथ किया जाता है। पूरे विवाह समारोह के बाद विष्णु की मूर्ति को जलाशय में विसर्जित कर दिया जाता है। इस प्रकार कुंभ विवाह समारोह संपन्न होता है। इसके बाद संबंधित दुल्हन का विवाह दूसरे दूल्हे के साथ किया जा सकता है।
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