सावधान , अपनों की आवाज़ में पैसे मांग रहे शातिर ! Mobile Money fraud

भतीजे मुसीबत में हूँ कुछ पैसे भेज फटाफट ….. भांजे मेरा गूगल पे अटक गया है पेमेंट नहीं हो रही ज़रा दस हज़ार ऑनलाइन भेजना …. अगर if आपके पास भी ऐसे कॉल आ रहे हैं तो तुरंत कान खड़े कर दीजिये क्योंकि because कॉल करने वाला साइबर ठग हो सकता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से सटीक आवाजें निकालकर साइबर धोखाधड़ी की जा रही है।
उत्तराखंड में भी ऐसे मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हालाँकि although इसको लेकर पुलिस ने सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किये हैं. साइबर थाने में ऐसे कई मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें किसी परिचित की आवाज समझकर लोगों से ठगी की गई। अधिकारियों के मुताबिक शिकायतकर्ताओं ने बताया कि उनके पास फोन आए. आवाज जानी-पहचानी लग रही थी. फोन करने वाले ने कहा- पहचानो कौन। ज्यादातर मामलों में ठगों ने खुद को मामा बताया है। इसके बाद तरह-तरह के बहाने बनाकर उसे झांसे में लिया और पैसे ठग लिए। 10 हजार से लेकर एक लाख तक की ठगी हुई है.
लोगों को जागरूक होना होगा
लेकिन but अब पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से इस आवाज को बदला जा सकता है। इससे बचने के लिए लोगों को जागरूक होना होगा। साइबर ठग अक्सर कॉल कर बोलते हैं- पहचाने या नहीं। कुछ समय बाद लोग उन्हें अपना रिश्तेदार मानने लगते हैं। इसके बाद मेहनत की कमाई लूट ली जाती है.
अगर if कुछ मामलों की बात करें तो काशीपुर निवासी एक युवक ने साइबर क्राइम थाने में मौखिक सूचना दी। उन्होंने बताया कि जून में उनके पास एक कॉल आई। आवाज जानी-पहचानी लग रही थी. ठग कई बार कहता रहा- पहचानो इसे। लेकिन but उसने सोचा कि वह चाचा है. इसके बाद बिना कुछ सोचे-समझे आरोपी के बताए खाते में पैसे जमा कर दिए। वहीँ अल्मोड़ा के एक युवक ने फोन कर साइबर क्राइम थाने में शिकायत की। बताया कि कुछ दिन पहले एक अनजान नंबर से फोन आया। कॉल करने वाला युवक उसका परिचित बन गया और झांसे में लेकर 20 हजार ठग लिए।
हमारी आपसे यही अपील है कि आप भी भावनाओं में या जल्दबाज़ी में आकर अपने पैसे बर्बाद न करें। अगर ऐसा फ़ोन आता है तो उसकी सत्यता जाँच लें और शक होने पर अपनी मित्र पुलिस का सहयोग लेकर इस फ्रॉड का खुलासा ज़रुर करें।
