Nilavanti Granth कुछ लोगों का मानना है कि यह ग्रंथ शापित है। जो कोई भी इसे पढ़ता है, उसकी मृत्यु हो जाती है या वह पागल हो जाता है।कुछ लोगों का दावा है कि इस ग्रंथ में अद्भुत शक्तियां प्राप्त करने के तरीके हैं। इसके माध्यम से कोई भी जानवरों और पक्षियों की भाषा समझने की क्षमता प्राप्त कर सकता है।कुछ विद्वानों का मानना है कि यह ग्रंथ प्राचीन भारत के गुप्त ज्ञान का भंडार है। इसमें प्रकृति के रहस्यों और ब्रह्मांड के निर्माण के बारे में जानकारी है।
क्या इस ग्रंथ को पढ़ना मना है ?Nilavanti Granth
इस ग्रंथ को पढ़ने के बारे में कोई निश्चित नियम नहीं है। कुछ लोग इसे पढ़ने से डरते हैं, जबकि कुछ इसे ज्ञान प्राप्त करने का साधन मानते हैं।इस ग्रंथ का वर्तमान स्थान अज्ञात है। कुछ लोगों का मानना है कि यह हिमालय के किसी गुफा में छुपा हुआ है, जबकि कुछ का मानना है कि यह किसी निजी संग्रह में रखा गया है।नीलावंती ग्रंथ प्राचीन भारतीय ग्रंथों में से एक ऐसा ग्रंथ है जो सदियों से रहस्य और विवादों में घिरा हुआ है. माना जाता है कि इसे नीलावंती नाम की एक यक्षिणी ने लिखा था. इस ग्रंथ के बारे में कई तरह की कहानियां प्रचलित हैं, जिनमें से कुछ सत्य हैं तो कुछ कल्पना और लोक-मान्यताओं का मिश्रण.
ग्रंथ से जुड़े तथ्यों, किंवदंतियों और विवादों पर एक नज़र
नीलावंती ग्रंथ की मूल प्रतिलिपि आज तक नहीं मिली है. ग्रंथ की विषयवस्तु के बारे में जानकारी विभिन्न स्रोतों से मिलती है, जिनकी सत्यता संदिग्ध है. कुछ स्रोतों के अनुसार, इस ग्रंथ में ज्योतिष, जड़ी-बूटियों का ज्ञान, तंत्र-मंत्र और पशु-पक्षियों की भाषा समझने के उपायों का वर्णन मिलता है. वहीं, कुछ अन्य स्रोत इसे अलौकिक शक्तियां प्राप्त करने का मार्ग बताते हैं.
शापित ग्रंथ: सबसे आम विवादों में से एक यह है कि माना जाता है कि यह ग्रंथ शापित है. ऐसा कहा जाता है कि जो कोई भी इसे पढ़ने का दुस्साहस करता है, उसकी मृत्यु हो जाती है या उसका मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है.
गुप्त ज्ञान का भंडार: कुछ विद्वानों का मानना है कि यह ग्रंथ प्राचीन भारतीय ज्ञान का भंडार है, जिसमें प्रकृति के रहस्यों, ब्रह्मांड की उत्पत्ति और अलौकिक शक्तियों को प्राप्त करने के तरीकों का वर्णन है. हालांकि, इसकी पुष्टि करने के लिए कोई ठोस सबूत मौजूद नहीं हैं.
निलावंती ग्रंथ: रोचक तथ्य और लोक-मान्यताएं
नीलावंती ग्रंथ को पूरी तरह से समझना अभी भी एक चुनौती है, लेकिन इसके इर्द-गिर्द कई रोचक तथ्य और लोक-मान्यताएं प्रचलित हैं. आइए इन पर एक नज़र डालें:
निलावंती की कहानी: कुछ लोक-कथाओं के अनुसार, निलावंती एक शक्तिशाली यक्षिणी थीं, जिन्हें प्रकृति और जानवरों पर विशेष अधिकार प्राप्त था। माना जाता है कि उन्होंने जंगल में रहते हुए यह ग्रंथ लिखा था।
ग्रंथ की सामग्री का रहस्य: ग्रंथ की मूल प्रतिलिपि के बिना, यह बताना मुश्किल है कि इसमें वास्तव में क्या लिखा था। कुछ मान्यताओं के अनुसार, इसमें ज्योतिष की जटिल गणनाओं से लेकर दुर्लभ जड़ी-बूटियों के प्रयोग और पशु-पक्षियों की भाषा सीखने के मंत्रों का वर्णन था।
अलौकिक शक्तियों का दावा: कुछ कथाओं में यह दावा किया जाता है कि निलावंती ग्रंथ अलौकिक शक्तियां प्राप्त करने का मार्ग बताता था। माना जाता है कि इसमें तंत्र-मंत्रों और ध्यान विधियों का समावेश था, जिनके अभ्यास से व्यक्ति अदृश्य होने, भविष्य देखने और जानवरों से बात करने जैसी अद्भुत क्षमताएं हासिल कर सकता था।
खतरनाक ग्रंथ: नीलावंती ग्रंथ से जुड़ी सबसे प्रचलित मान्यताओं में से एक यह है कि यह ग्रंथ शापित है। लोगों का मानना है कि जो कोई भी इसे पढ़ने का प्रयास करता है, उस पर कोई अनहोनी घट सकती है, उसे मानसिक या शारीरिक परेशानी हो सकती है, यहाँ तक कि मृत्यु भी हो सकती है।
कांवड़ियों के लिए मुस्लिम बनाते हैं कांवड़ – क़ाज़ी निज़ामुद्दीन https://shininguttarakhandnews.com/kanwar-yatra-haridwar-2/