Osho Ashram Pune आचार्य रजनीश ओशो (Osho) से जुडी कई ऐसी बातें हैं जो आज भी अनोखी रोचक और दिलचस्प है। दुनिया में ओशो की रहस्ययी दुनिया का तिलस्म आज भी सुर्खियां बनती है। इसी से जुड़ा है ओशो आश्रम का एक सच , आचार्य ने जब पुणे में अपना आश्रम बनाया तो शुरुआत में बहुत छोटी जगह थी, लेकिन जब उनके शिष्यों की तादाद बढ़ने लगी, खासकर विदेशियों की तब और जमीन ली गई. धीरे-धीरे उनका आश्रम 25000 वर्ग मीटर का हो गया. पुणे के आश्रम में दुनिया भर के डॉक्टर और नर्सों को लाया गया. शिष्यों के रहने-खाने का इंतजाम किया गया. ओशो की सचिव रहीं मां आनंद शीला अपनी किताब में लिखती हैं कि आश्रम के लिए और जमीन ली गई, फिर भी वह पर्याप्त नहीं थी.
ओशो के आश्रम में आने वालों का शरीर सूंघा जाता था
Osho Ashram Pune

चूंकि आश्रम छोटा था, इसलिए ओशो (Osho) नहीं चाहते थे कि वहां पर नवजात बच्चों को भी रखा जाए, इसलिए वह अपने महिला शिष्यों को गर्भवती होने से मना करते थे. ओशो ने अपने आश्रम के तमाम पदाधिकारियों को नसबंदी या गर्भ निरोधक ऑपरेशन करवाने को कह दिया. आश्रम के अंदर बच्चा पैदा करने और प्रेग्नेंट (Pregnancy) होने तक की मनाही थी. गर्भवती महिलाओं को आश्रम में आने की इजाजत नहीं मिलती थी.
क्यों शिष्यों को सूंघा जाने लगा
पुणे आने के कुछ साल बाद ओशो को तमाम बीमारियों ने घेर लिया. खासकर एलर्जी और अस्थमा से बेहाल हो गए. इसी दौर में उन्हें डायबिटीज ने भी घेर लिया. मां आनंद शीला लिखती हैं कि ओशो को परफ्यूम से एलर्जी थी और जब अस्थमा हुआ तो यह एलर्जी और बढ़ गई. उस वक्त ओशो आश्रम में सेंट और परफ्यूम लगाकर आने वाले शिष्यों को रोका जाने लगा.
तमाम मशक्कत के बाद भी कोई ना कोई शिष्य परफ्यूम लगाकर आ जाता, इससे ओशो को परेशानी होती. इसके बाद एक नई व्यवस्था बनाई गई. आश्रम में घुसने से पहले हर शिष्य के कपड़े उतरवाकर उसके शरीर को सूंघा जाता कि उसने कोई परफ्यूम वगैरह तो नहीं लगाया है. मां आनंद शीला लिखती हैं कि यह बहुत अजीब था, लेकिन ओशो को एलर्जी से बचाने के लिए ऐसा करना पड़ा.
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