Physiotherapy स्वास्थ्य की कुंजी है फिजियोथेरेपी – SGRR

Physiotherapy “दवा से कहीं अधिक असरदार है नियमित फिजियोथेरेपी, यह न केवल दर्द को कम करती है बल्कि जीवनशैली को फिर से सक्रिय बनाती है“। इसी संदेश के साथ महंत इन्दिरेश अस्पताल के फिजियोथेरेपी विभाग के विशेषज्ञों ने मैनुअल थेरेपी से जुड़े विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी और कंधे, गर्दन तथा पीठ दर्द की विभिन्न स्थितियों के नैदानिक मूल्यांकन और उपचार कौशल पर महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा कीं। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने कार्यक्रम आयोजकों को शुभकामनाएं दीं।

कंधे, गर्दन तथा पीठ दर्द पर महत्वपूर्ण जानकारियाँ Physiotherapy

आजकल बदलती जीवनशैली और बढ़ते काम के दबाव के कारण कमर दर्द, गर्दन का दर्द, जोड़ों की तकलीफ और स्ट्रोक जैसी समस्याएं आम होती जा रही है. वहीं खेलों में लगी चोटें भी खिलाड़ियों को लंबे समय तक प्रभावित करती हैं. ऐसे में फिजियोथैरेपी न सिर्फ दर्द को कम करने में कारगर है बल्कि शरीर की गतिशीलता और मजबूती को बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाती है. उन्होंने बताया कि हल्की-फुल्की एक्सरसाइज स्ट्रेचिंग और सही पॉश्चर अपनाना फिजियोथैरेपी का सबसे जरूरी हिस्सा है.


यदि इसे रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल किया जाए तो कई गंभीर बीमारियों से बचाव संभव है. उदाहरण के तौर पर सुबह 20 से 30 मिनट की हल्की एक्सरसाइज सही बैठने-उठने की आदत और समय-समय पर स्ट्रेचिंग से न केवल शरीर चुस्त-दुरुस्त रहता है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है. फिजियोथैरेपी विशेषज्ञों का मानना है कि यह थेरेपी दवाइयों पर निर्भरता कम करने के साथ-साथ शरीर की प्राकृतिक हीलिंग क्षमता को बढ़ाती है. इससे शरीर की मांसपेशियों में मजबूती आती है और हड्डियां मजबूत होती है.


श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में डॉ. आर.पी. सिंह (कोऑर्डिनेटर, श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय), डॉ. सोनिया गम्भीर (निदेशक, आईक्यूएसी, एसजीआरआरयू), डॉ. कीर्ति सिंह (डीन, स्कूल ऑफ पैरामेडिकल एंड एलाइड साइंसेज) तथा डॉ. शारदा शर्मा (विभागाध्यक्ष, फिजियोथेरेपी विभाग, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल) एवम् प्रो. डाॅ नीरज कुमार शामिल रहे ।

मुख्य वक्ता डाॅ. अभिषेक शर्मा, रिसोर्स पर्सन, फाउंडर फिजियोक्लासरूम, अन्तर्राष्ट्रीय इंस्ट्रक्टर पीआरआरटी लंदन यूनाइटेड किंगडन ने महत्वपूर्णं जानकारियां सांझा कीं। डॉ. अभिषेक शर्मा एक अनुभवी मस्कुलोस्केलेटल एवं न्यूरो फिजियोथेरेपिस्ट हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 18 वर्षों से अधिक का समृद्ध अनुभव प्राप्त है। वर्तमान में वे लंदन में एनएचएस के साथ बैंड 7 एमएसके क्लिनिशियन एवं एफसीपी के रूप में सेवाएँ दे रहे हैं। वे 700 से अधिक शैक्षणिक वीडियो वाले वैश्विक शिक्षा मंच फिजियो क्लासरूम के संस्थापक हैं। अंतर्राष्ट्रीय पीआरआरटी प्रशिक्षक के रूप में उन्होंने दुनिया भर के फिजियोथेरेपिस्टों को दर्द प्रबंधन, मैनुअल थेरेपी और उन्नत नैदानिक तर्क की तकनीकों में प्रशिक्षित किया है।


उन्होंने अपने वक्तव्य में बताया कि किस प्रकार फिजियोथेरेपी द्वारा कंधे का दर्द (फ्रोजन शोल्डर, रोटेटर कफ इंजरी), गर्दन का दर्द, सर्वाइकल स्पोंडलाइटिस, मसल स्पास्म, कमर दर्द, लंबर पेन, साइटिका तथा घुटने की समस्याएं जैसी जटिल बीमारियों का प्रभारी उपचार सम्भव है। उन्होंने लाइव डेमो के माध्यम से मैनुअल थेरेपी, मोबिलाइजेशन तकनीक और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइसाइज की बारीकियों को भी समझाया। उन्होंने अपना अनुभव सांझा करते हुए कहा कि नियमित फिजियोथेरेपी न केवल दर्द को कम करती है, बल्कि रोगी को दीर्घकालीन आराम और सक्रिय जीवनशैली की ओर अग्रसर करती है। कार्यक्रम को सफल बनाने में डाॅ शमा परवीन, डाॅ संदीप कुमार, डाॅ तबस्सुम, डाॅ सुरभि, डाॅ रविन्द्र, डाॅ अकांक्षा, डाॅ अभिषेक, डाॅ सुषांत, डाॅ विशाल डाॅ जयदेव का विशेष सहयोग रहा।