Prawasi Sammelan : डीजी बंशीधर तिवारी ने लूटी महफ़िल , प्रवासी सम्मेलन में हुई वाहवाही

देहरादून से आशीष तिवारी की स्पेशल रिपोर्ट –

Prawasi Sammelan वही चिर परिचित सौम्य अंदाज़ ए गुफ़्तगू , विषय पर गहरी पकड़ , और सरलता से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विजन को समझाकर सामने वाले को मुरीद बना लेने का कौशल , यकीनन ये कला अगर किसी आईएएस में है तो वो बंशीधर तिवारी हैं क्योंकि तब महफ़िल ख़ामोशी से उन्हें सुनती भी है और समझती भी है। कुछ ऐसा ही नज़ारा प्रवासी सम्मेलन में भी देखने को मिला जब फिल्मकारों का जमावड़ा लगा और बात फिल्म पालिसी और उत्तराखंड को शूटिंग का सबसे फेवरेट डेस्टिनेशन बनाने की हो रही थी।

 

मुख्यमंत्री धामी के विजन को डीजी बंशीधर कर रहे साकार Prawasi Sammelan

दून विश्वविद्यालय में प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन के दौरान उत्तराखण्ड की लोकसंस्कृति, कला एवं फिल्मों को बढ़ावा देने पर विशेष सत्र का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में उत्तराखण्ड को फिल्म शूटिंग के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। उत्तराखण्ड फ़िल्म विकास परिषद के CEO और महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी ने इस दिशा में राज्य सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि राज्य में कई आकर्षक फिल्म शूटिंग स्थल हैं। जो देश और दुनिया के फिल्म निर्माताओं को आकर्षित कर सकते हैं।

उत्तराखण्ड को फिल्म शूटिंग का हब बनाएंगे – बंशीधर तिवारी

बंशीधर तिवारी ने जानकारी दी कि हाल ही में जारी की गई उत्तराखण्ड फ़िल्म नीति 2024 के अंतर्गत क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों के प्रोडक्शन में किए गए व्यय का 50% तक या अधिकतम 2 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। वहीं, हिंदी और अन्य 8वीं अनुसूची की भाषाओं के लिए यह अनुदान 30% या अधिकतम 3 करोड़ रुपये तक का होगा। इस नई नीति के तहत अब शॉर्ट फिल्म, डॉक्यूमेंट्री, ओटीटी और वेबसीरीज़ को भी सब्सिडी की श्रेणी में शामिल किया गया है। साथ ही राज्य में फिल्म सिटी और फिल्म संस्थान स्थापित करने के लिए भी अनुदान की व्यवस्था की गई है।

डीजी तिवारी ने कहा कि फिल्में हमारे इतिहास, सभ्यता और सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत रूप में संजोए रखने का कार्य करती हैं। फूलदेई जैसे त्योहार, पौराणिक मेले और स्थानीय भाषाएं फिल्मों के माध्यम से सुरक्षित और प्रसारित की जा सकती हैं। सम्मेलन में आदि कैलाश, चकराता, माणा जैसे स्थानों का भी उल्लेख किया गया। जो फिल्मों के लिए बेहद अनुकूल माने जाते हैं।

दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने सम्मेलन में कहा कि दून विश्वविद्यालय में रंगमंच एवं लोक कला मंच विभाग की स्थापना की जा चुकी है। जिसमें प्रसिद्ध लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी सहित अन्य प्रतिष्ठित कलाकारों को जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि यह पहल युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है, जहां उन्हें अपने ही राज्य के प्रसिद्ध कलाकारों से सीखने का मौका मिलेगा। सम्मेलन में फिल्म निर्देशक तिग्मांशु धूलिया, लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी, फिल्म अभिनेता सुधीर पाण्डेय, हेमन्त पाण्डेय, वरुण बडोला एवं निर्माता सन्तोष सिंह रावत ने अपने अनुभव साझा किए और उत्तराखण्ड में फिल्म निर्माण की संभावनाओं पर चर्चा की।

डीएम सविन बंसल कोप के से नपी कूड़ा कम्पनी https://shininguttarakhandnews.com/savin-bansal-dm-dehradun/

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