देहरादून से आशीष तिवारी की स्पेशल रिपोर्ट –
Rishikesh News देखिये मुख्यमंत्री जी आपके राज में ऐसे भी अफसर हैं जो अपने काम से पहचान बना रहे हैं। दरअसल जनता अक्सर अफसरों की लापरवाही , गैरजिम्मेदाराना व्यवहार की खबरे पढ़ती है लेकिन अगर नीयत सही हो , लक्ष्य स्पष्ट हो और उद्देश्य पाने के लिए जुनून हो तो आप भी वही ख़ुशी हासिल कर सकते हैं जो ऋषिकेश के नगर आयुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी की अभिनव पहल को देख स्थानीय लोग महसूस कर रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी के विजन क्लीन सिटी ग्रीन सिटी को सफल बनाने के लिए जो आईडिया नगर आयुक्त नेगी जी ने लगाया है वो पूरे प्रदेश के लिए एक उदाहरण से कम नहीं है। चलिए आपको दिखाते हैं कचरे का कमाल जो बन गया मिसाल…..
हर पोस्टिंग में एसएस नेगी करते हैं अनोखी पहल Rishikesh News
ये है शानदार नज़ारा उस पार्क का जो खूबसूरत बन गया कचरों से और जिसके शिल्पकार बने साहित्यकार और कलम के धनी नगर आयुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी जिन्होंने प्लास्टिक कूड़े का प्रबंधन कर नगर निकायों के सामने उदाहरण पेश किया है। इसके लिए नगर निगम प्लास्टिक कूड़े को ना सिर्फ सफलता पूर्वक एकत्रित कर रहा है, बल्कि इसे रीसाइकिल के जरिए फिर कई तरह से इस्तेमाल भी कर रहा है तीर्थनगरी के साथ ही राफ्टिंग-कैम्पिंग का प्रमुख केंद्र होने के कारण ऋषिकेश में वर्षभर श्रद्धालुओं और पयर्टकों की भीड़ भाड़ लगी रहती है। नगर आयुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी की इस अनोखी पहल पर ऋषिकेश नगर निगम ने सबसे पहले आईएसबीटी, त्रिवेणी घाट और वीरभद्र में प्लास्टिक बैंक की स्थापना की, प्लास्टिक बैंक के बॉक्स बनाने के लिए पुरानी प्लास्टिक बोतलों को ही इस्तेमाल किया गया।
आज जागरूकता का असर है कि अब लोग खुद खाली बोतलें या अन्य प्लास्टिक कचरा डालते हैं, इन प्लास्टिक बैंक से अब तक करीब 400 किलो तक प्लास्टिक रीसाइकिल हो चुका है। नगर आयुक्त नेगी के इस प्रयोग की सफलता को देखते हुए नगर निगम अब नटराज, ट्रांजिट कैम्प, रेलवे स्टेशन में भी प्लास्टिक बैंक स्थापित करने जा रहा है। ऋषिकेश नगर निगम ने परिसर में प्लास्टिक वेस्ट से ‘वेस्ट टू वंडर’ पार्क भी तैयार किया है, जिसमें पुराने टायर, खराब हो चुकी स्ट्रीट लाइट, साइकिल- स्कूटर जैसे सामान से बच्चों के झूले ओर सजावटी सामान तैयार किए गए हैं। साथ ही नगर निगम रीसाइकिल प्लास्टिक से बैंच, ट्री कार्ड, प्लास्टिक बैंक बॉक्स भी तैयार कर रहा है।
400 किलो प्लास्टिक से बना वेस्ट टू वंडर पार्क
ऋषिकेश नगर निगम में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन यूजर चार्ज वसूलने का काम महिला स्वयं सहायता समूहों (त्रिवेणी सेना) को दे दिया है, जिसके बाद नगर निगम का कलेक्शन शानदार आंकड़ों के साथ 13 लाख के पार चला गया है। इसमें से नगर निगम महिला समूहों को 25 प्रतिशत लाभांश देता है। इस तरह करीब 250 महिलाओं को प्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिला है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सभी निकायों को प्लास्टिक कूड़ा निस्तारण की ठोस व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। इस दिशा निकायों के स्तर पर कई नवीन प्रयास किए जा रहे हैं, कुछ जगह क्यूआर कोड के जरिए भी प्लास्टिक की वापसी की जा रही है। सरकार इस दिशा में बेहतर काम करने वाले निकायों को पुरस्कृत भी कर रही है। उम्मीद की जानी चाहिए कि उत्तराखंड में ऋषिकेश नगर निगम मॉडल और शैलेन्द्र सिंह नेगी जी का आईडिया पूरे प्रदेश के लिए जनहित में फायदेमंद साबित हो सकेगा।
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